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जेम्स द्वितीय (1633-1७०1) ग्रेट ब्रिटेन तथा आयरलैंड का शासक (16८5-८८)। वह चार्ल्स प्रथम तथा हेनरिटा मेरिया की द्वितीय संतान था। वह 1643 ईo में आर्क ड्यूक बना था। वह योग्य सैनिक, साहसी एवं दृढ़ निश्चय व्यक्ति था, किंतु उसमें दूरदर्शिता की न्यूनता, धर्मान्धता, तथा अनैतिकता थी। अपने पिता की फाँसी के थोड़े समय ही पूर्व वह हालैंड भागा, फिर फ्रांस चला गया। 165९ ईo में उसने एन हाइड से विवाह किया जिससे उसकी दो लड़कियाँ मेरी और एन उत्पन्न हुईं, जो आगे चलकर क्रमश: इंग्लैंड की रानी हुईं। उसकी द्वितीय पत्नी मेरी ऑव मांडेना से 1८66 में एक पुत्र हुआ जो ओल्ड प्रिटेंडर के नाम से प्रसिद्ध हुआ। राजतंत्र की पुन: स्थापना के उपरांत जेम्स लॉर्ड हाई ऐडमिरल नियुक्त हुआ। 16८5 ईo में गद्दी पर बैठा और ड्यूक ऑव आरगाइल तथा मनमथ के विद्रोहों को दबाया। कैथालिक के रूप में तथा निरंकुश शासन का संकल्प कर लेने के कारण उसने अपने स्वेच्छानुसार के द्वारा इंग्लैंड के कानूनों का नियमित अतिक्रमण आरंभ किया। जेम्स ने कैथोलिकों का प्रवेश सेना एवं विश्र्वविद्यालयों में कराया। एक स्थायी सेना की रचना के साथ साथ उसने इंग्लैंड के कानूनों को स्थगित एवं रद्द करने का अधिकार ग्रहण किया। उसकी इंडलजेंस की प्रथम घोषणा ने 16८७ ईo में कैथोलिको एवं डिसेंटर्स के विरुद्ध लगाए सारे दंड विधानों को स्थगित कर दिया जिससे एक राष्ट्रीय चेतना फैल गई। उसकी इंडलजेंस की दूसरी घोषणा का विरोध सात बिशपों ने किया जिनपर मुकदमा चलाया गया। जब वे मुक्त किए गए तो लोगों ने करतल ध्वनि द्वारा इसका स्वागत किया। जेम्स के पुत्र उत्पन्न होने पर प्रोटेस्टेंट विलियम ऑव ओरंज, जो जेम्स का दामाद था, इंगलैंड की गद्दी पर बैठने के लिए भी आमंत्रित किया गया। विलियम के आने पर इंगलैंड की सेना भी उसके साथ हो गई और जेम्स फ्रांस भागा। इंगलैंड की गद्दी को पुन: प्राप्त करने के लिए जेम्स ने 16९० ईo में आयरलैंड में एक असफल विद्रोह किया। 6 सितंबर 1७०1 ईo को सेंट जर्मेंन में जेम्स की मृत्यु हो गई।  
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जेम्स द्वितीय (1633-1701) ग्रेट ब्रिटेन तथा आयरलैंड का शासक (1685-88)। वह चार्ल्स प्रथम तथा हेनरिटा मेरिया की द्वितीय संतान था। वह 1643 ईo में आर्क ड्यूक बना था। वह योग्य सैनिक, साहसी एवं दृढ़ निश्चय व्यक्ति था, किंतु उसमें दूरदर्शिता की न्यूनता, धर्मान्धता, तथा अनैतिकता थी। अपने पिता की फाँसी के थोड़े समय ही पूर्व वह हालैंड भागा, फिर फ्रांस चला गया। 1659 ईo में उसने एन हाइड से विवाह किया जिससे उसकी दो लड़कियाँ मेरी और एन उत्पन्न हुईं, जो आगे चलकर क्रमश: इंग्लैंड की रानी हुईं। उसकी द्वितीय पत्नी मेरी ऑव मांडेना से 1866 में एक पुत्र हुआ जो ओल्ड प्रिटेंडर के नाम से प्रसिद्ध हुआ। राजतंत्र की पुन: स्थापना के उपरांत जेम्स लॉर्ड हाई ऐडमिरल नियुक्त हुआ। 1685 ईo में गद्दी पर बैठा और ड्यूक ऑव आरगाइल तथा मनमथ के विद्रोहों को दबाया। कैथालिक के रूप में तथा निरंकुश शासन का संकल्प कर लेने के कारण उसने अपने स्वेच्छानुसार के द्वारा इंग्लैंड के कानूनों का नियमित अतिक्रमण आरंभ किया। जेम्स ने कैथोलिकों का प्रवेश सेना एवं विश्र्वविद्यालयों में कराया। एक स्थायी सेना की रचना के साथ साथ उसने इंग्लैंड के कानूनों को स्थगित एवं रद्द करने का अधिकार ग्रहण किया। उसकी इंडलजेंस की प्रथम घोषणा ने 1687 ईo में कैथोलिको एवं डिसेंटर्स के विरुद्ध लगाए सारे दंड विधानों को स्थगित कर दिया जिससे एक राष्ट्रीय चेतना फैल गई। उसकी इंडलजेंस की दूसरी घोषणा का विरोध सात बिशपों ने किया जिनपर मुकदमा चलाया गया। जब वे मुक्त किए गए तो लोगों ने करतल ध्वनि द्वारा इसका स्वागत किया। जेम्स के पुत्र उत्पन्न होने पर प्रोटेस्टेंट विलियम ऑव ओरंज, जो जेम्स का दामाद था, इंगलैंड की गद्दी पर बैठने के लिए भी आमंत्रित किया गया। विलियम के आने पर इंगलैंड की सेना भी उसके साथ हो गई और जेम्स फ्रांस भागा। इंगलैंड की गद्दी को पुन: प्राप्त करने के लिए जेम्स ने 1690 ईo में आयरलैंड में एक असफल विद्रोह किया। 6 सितंबर 1701 ईo को सेंट जर्मेंन में जेम्स की मृत्यु हो गई।  
  
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

१२:०१, १८ अगस्त २०११ के समय का अवतरण

जेम्स द्वितीय (1633-1701) ग्रेट ब्रिटेन तथा आयरलैंड का शासक (1685-88)। वह चार्ल्स प्रथम तथा हेनरिटा मेरिया की द्वितीय संतान था। वह 1643 ईo में आर्क ड्यूक बना था। वह योग्य सैनिक, साहसी एवं दृढ़ निश्चय व्यक्ति था, किंतु उसमें दूरदर्शिता की न्यूनता, धर्मान्धता, तथा अनैतिकता थी। अपने पिता की फाँसी के थोड़े समय ही पूर्व वह हालैंड भागा, फिर फ्रांस चला गया। 1659 ईo में उसने एन हाइड से विवाह किया जिससे उसकी दो लड़कियाँ मेरी और एन उत्पन्न हुईं, जो आगे चलकर क्रमश: इंग्लैंड की रानी हुईं। उसकी द्वितीय पत्नी मेरी ऑव मांडेना से 1866 में एक पुत्र हुआ जो ओल्ड प्रिटेंडर के नाम से प्रसिद्ध हुआ। राजतंत्र की पुन: स्थापना के उपरांत जेम्स लॉर्ड हाई ऐडमिरल नियुक्त हुआ। 1685 ईo में गद्दी पर बैठा और ड्यूक ऑव आरगाइल तथा मनमथ के विद्रोहों को दबाया। कैथालिक के रूप में तथा निरंकुश शासन का संकल्प कर लेने के कारण उसने अपने स्वेच्छानुसार के द्वारा इंग्लैंड के कानूनों का नियमित अतिक्रमण आरंभ किया। जेम्स ने कैथोलिकों का प्रवेश सेना एवं विश्र्वविद्यालयों में कराया। एक स्थायी सेना की रचना के साथ साथ उसने इंग्लैंड के कानूनों को स्थगित एवं रद्द करने का अधिकार ग्रहण किया। उसकी इंडलजेंस की प्रथम घोषणा ने 1687 ईo में कैथोलिको एवं डिसेंटर्स के विरुद्ध लगाए सारे दंड विधानों को स्थगित कर दिया जिससे एक राष्ट्रीय चेतना फैल गई। उसकी इंडलजेंस की दूसरी घोषणा का विरोध सात बिशपों ने किया जिनपर मुकदमा चलाया गया। जब वे मुक्त किए गए तो लोगों ने करतल ध्वनि द्वारा इसका स्वागत किया। जेम्स के पुत्र उत्पन्न होने पर प्रोटेस्टेंट विलियम ऑव ओरंज, जो जेम्स का दामाद था, इंगलैंड की गद्दी पर बैठने के लिए भी आमंत्रित किया गया। विलियम के आने पर इंगलैंड की सेना भी उसके साथ हो गई और जेम्स फ्रांस भागा। इंगलैंड की गद्दी को पुन: प्राप्त करने के लिए जेम्स ने 1690 ईo में आयरलैंड में एक असफल विद्रोह किया। 6 सितंबर 1701 ईo को सेंट जर्मेंन में जेम्स की मृत्यु हो गई।

टीका टिप्पणी और संदर्भ