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'''थार''' उत्तर-पश्चिम भारत तथा पश्चिमी पाकिस्तान में सतलज और सिंध की घाटियों के बीच विस्तृत रेगिस्तान है। इसके पश्चिम में सिंध की घाटी, पूर्व में अरावली पर्वत, दक्षिण-पश्चिम में कच्छ तथा उत्तर-पूर्व में पंजाब के मैदान हैं। यह मरुभूमि ५०० मील लंबी और 3०० मील चौड़ी है। इस मरुभूमि में भारत के दक्षिणी पंजाब और पश्चिमी राजस्थान का क्षेत्र तथा पाकिस्तान के पूर्वी सिंध तथा खैरपुर राज्य संमिलित हैं। इस क्षेत्र में रेत के विशाल क्षेत्र हैं। कहीं कहीं मरूद्यान मिलते हैं। कर्करेखा पर स्थित होने के कारण यहाँ की वार्षिक वर्षा १०" से भी कम होती है। दक्षिण-पूर्व में लूनी नदी ही एकमात्र जलस्रोत है। सिंचाई की व्यवस्था से उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्रों में कृषियोग्य भूमि बना ली गई है। यहाँ की जनसंख्या अत्यंत न्यून है। यहाँ के निवासी ऊँट, भेड़ और बकरियाँ पालते हैं तथा ऊन, नमक, कंबल एवं फेल्ट का व्यापार करते हैं। इस क्षेत्र में जोधपुर, बीकानेर, सरदार शहर, बारमेर और अमरकोट प्रसिद्ध नगर हैं। इसके विकास के लिये भारतीय सरकार प्रयत्नशील है।
'''थार''' उत्तर-पश्चिम भारत तथा पश्चिमी पाकिस्तान में सतलज और सिंध की घाटियों के बीच विस्तृत रेगिस्तान है। इसके पश्चिम में सिंध की घाटी, पूर्व में अरावली पर्वत, दक्षिण-पश्चिम में कच्छ तथा उत्तर-पूर्व में पंजाब के मैदान हैं। यह मरुभूमि 500 मील लंबी और 300 मील चौड़ी है। इस मरुभूमि में भारत के दक्षिणी पंजाब और पश्चिमी राजस्थान का क्षेत्र तथा पाकिस्तान के पूर्वी सिंध तथा खैरपुर राज्य संमिलित हैं। इस क्षेत्र में रेत के विशाल क्षेत्र हैं। कहीं कहीं मरूद्यान मिलते हैं। कर्करेखा पर स्थित होने के कारण यहाँ की वार्षिक वर्षा 10" से भी कम होती है। दक्षिण-पूर्व में लूनी नदी ही एकमात्र जलस्रोत है। सिंचाई की व्यवस्था से उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्रों में कृषियोग्य भूमि बना ली गई है। यहाँ की जनसंख्या अत्यंत न्यून है। यहाँ के निवासी ऊँट, भेड़ और बकरियाँ पालते हैं तथा ऊन, नमक, कंबल एवं फेल्ट का व्यापार करते हैं। इस क्षेत्र में जोधपुर, बीकानेर, सरदार शहर, बारमेर और अमरकोट प्रसिद्ध नगर हैं। इसके विकास के लिये भारतीय सरकार प्रयत्नशील है।


==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

१२:०२, १८ अगस्त २०११ के समय का अवतरण

थार उत्तर-पश्चिम भारत तथा पश्चिमी पाकिस्तान में सतलज और सिंध की घाटियों के बीच विस्तृत रेगिस्तान है। इसके पश्चिम में सिंध की घाटी, पूर्व में अरावली पर्वत, दक्षिण-पश्चिम में कच्छ तथा उत्तर-पूर्व में पंजाब के मैदान हैं। यह मरुभूमि 500 मील लंबी और 300 मील चौड़ी है। इस मरुभूमि में भारत के दक्षिणी पंजाब और पश्चिमी राजस्थान का क्षेत्र तथा पाकिस्तान के पूर्वी सिंध तथा खैरपुर राज्य संमिलित हैं। इस क्षेत्र में रेत के विशाल क्षेत्र हैं। कहीं कहीं मरूद्यान मिलते हैं। कर्करेखा पर स्थित होने के कारण यहाँ की वार्षिक वर्षा 10" से भी कम होती है। दक्षिण-पूर्व में लूनी नदी ही एकमात्र जलस्रोत है। सिंचाई की व्यवस्था से उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्रों में कृषियोग्य भूमि बना ली गई है। यहाँ की जनसंख्या अत्यंत न्यून है। यहाँ के निवासी ऊँट, भेड़ और बकरियाँ पालते हैं तथा ऊन, नमक, कंबल एवं फेल्ट का व्यापार करते हैं। इस क्षेत्र में जोधपुर, बीकानेर, सरदार शहर, बारमेर और अमरकोट प्रसिद्ध नगर हैं। इसके विकास के लिये भारतीय सरकार प्रयत्नशील है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ