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जेम्स ज्वाएस (जन्म फरवरी १८८२ को डब्लिन में; विवाह १९०४ में नोरा बार्नकिल के साथ; मृत्यु १३ जनवरी १९४१ को ज्यूरिख में) आयरिश उपन्यासकार, कवि तथा लेखक। ज्वाएस की शिक्षा डब्लिन के जेसुइट विद्यालयों में हुई यद्यपि आगे चलकर वह निष्ठावान कैथॉलिक से घोर कैथॉलिक-विरोधी हो गए। कैथॉलिक यूनिर्वसिटी, डब्लिन के स्नातक (१९०२) ज्वाएस की होनहार प्रतिभा का दर्शन १७-१८ वर्ष की अवस्था में लिखें उनके फुटकर निबंधों, यथा सन्‌ १९०० में लिखे निबंध 'Drama and Life', मैन्गन और इब्सन पर लिखे निबंध,' 'आयरिश लिटरेरी थियेटर' की कड़ी आलोचना आदि से होता है जिनमें उनकी आरंभिक मान्यताओं एवं दृढ़ मनोवृत्ति का परिचय भी मिलता है।
जेम्स ज्वाएस (जन्म 2 फरवरी 1882 को डब्लिन में; विवाह 1904 में नोरा बार्नकिल के साथ; मृत्यु 13 जनवरी 1941 को ज्यूरिख में) आयरिश उपन्यासकार, कवि तथा लेखक। ज्वाएस की शिक्षा डब्लिन के जेसुइट विद्यालयों में हुई यद्यपि आगे चलकर वह निष्ठावान कैथॉलिक से घोर कैथॉलिक-विरोधी हो गए। कैथॉलिक यूनिर्वसिटी, डब्लिन के स्नातक (1902) ज्वाएस की होनहार प्रतिभा का दर्शन 17-18 वर्ष की अवस्था में लिखें उनके फुटकर निबंधों, यथा सन्‌ 1900 में लिखे निबंध 'Drama and Life', मैन्गन और इब्सन पर लिखे निबंध,' 'आयरिश लिटरेरी थियेटर' की कड़ी आलोचना आदि से होता है जिनमें उनकी आरंभिक मान्यताओं एवं दृढ़ मनोवृत्ति का परिचय भी मिलता है।


ज्वाएस ने १९०४ में विदेश जाकर अनेक कामों में हाथ लगाया। पेरिस में उन्होंने चिकित्साशास्त्र का अध्ययन, तत्पश्चात्‌ संगीत का अभ्यास किया। इस सारे समय अंग्रेज़ी साहित्य के चिंतनशील अध्ययन के अतिरिक्त ज्वाएस अर्वाचीन भाषाओं तथा संगीत का भी अध्ययन करते रहे। इसी समय उन्होंने एक आयरिश दैनिक आरंभ करने की योजना बनाई तथा ज्यूरिख़ में रंगमंच पर काम किया। डब्लिन लौटकर उन्होंने कुछ कहानियाँ प्रकाशित की किंतु फिर जीवन यापन की समस्या से तंग आकर अपनी पत्नी के साथ ट्रीस्ट चले गए जहाँ उन्होंने अंग्रेज़ी अध्यापन का काम किया। दुबारा डब्लिन लौट कर उन्होंने एक सिनेमा घर खोला जो न चल सका। अब तक ज्वाएस की केवल एक गीत-पुस्तक 'Chamber Music' प्रकाशित हुई थी (१९०७)। इसके गीत कोमल और एलिज़ाबेथयुगीन हैं जिनसे ज्वाएस की भावी रचनाओं का तारतम्य कठिनाई से बैठता है।
ज्वाएस ने 1904 में विदेश जाकर अनेक कामों में हाथ लगाया। पेरिस में उन्होंने चिकित्साशास्त्र का अध्ययन, तत्पश्चात्‌ संगीत का अभ्यास किया। इस सारे समय अंग्रेज़ी साहित्य के चिंतनशील अध्ययन के अतिरिक्त ज्वाएस अर्वाचीन भाषाओं तथा संगीत का भी अध्ययन करते रहे। इसी समय उन्होंने एक आयरिश दैनिक आरंभ करने की योजना बनाई तथा ज्यूरिख़ में रंगमंच पर काम किया। डब्लिन लौटकर उन्होंने कुछ कहानियाँ प्रकाशित की किंतु फिर जीवन यापन की समस्या से तंग आकर अपनी पत्नी के साथ ट्रीस्ट चले गए जहाँ उन्होंने अंग्रेज़ी अध्यापन का काम किया। दुबारा डब्लिन लौट कर उन्होंने एक सिनेमा घर खोला जो न चल सका। अब तक ज्वाएस की केवल एक गीत-पुस्तक 'Chamber Music' प्रकाशित हुई थी (1907)। इसके गीत कोमल और एलिज़ाबेथयुगीन हैं जिनसे ज्वाएस की भावी रचनाओं का तारतम्य कठिनाई से बैठता है।


१९१४ में नौ वर्ष के विलंब के बाद ज्वाएस का कहानी-संग्रह 'Dubliners' प्रकाशित हुआ। ज्वाएस का कथन है, 'मेरा इरादा अपने देश के नैतिक इतिहास का एक परिच्छेद लिखने का था और इसके लिये मैंने डब्लिन को चुना क्योंकि वही पक्षाघात का केंद्र प्रतीत होता है। उदासीन जनता के समक्ष यह सब मैंने शैशव, कैशोर्य, प्रोढ़ावस्था, तथा नागरिक जीवन, इन शीर्षकों के अंतर्गत कहने की चेष्टा की है।' इस संग्रह की कहानियों 'The Dead' की संवेदना तथा प्रतीकात्मकता ज्वाएस को सर्व प्रथम एक सशक्त कथाकार घोषित करती है। १९१६ में ज्वाएस का उत्कृष्ट आत्मकथामूलक उपन्यास 'Portrait of the Artist as a Young Man' प्रकाशित हुआ जिसका नायक स्टीफेन डेडालस आगे चल कर ज्वाएस की कृति 'Ulysses' में भी प्रकट होता है। एज़रा पाउंड 'Egoist' पत्रिका में १९१४-१५ में धारावाहिक रूप से इस उपन्यास को प्रकाशित कर चुके थे। यह ज्वाएस की प्रथम रचना थी जो उन्होंने चेतना-धारा (Stream of Consciousness) शैली में लिखी। पहले ज्वाएस ने इस उपन्यास की रचना 'Stephan Hero' नाम से की थी किंतु यह उनकी मृत्यु के उपरांत १९४४ में ही प्रकाशित हो सका। भाषा की दृष्टि से दोनों में बहुत अंतर है। १९१८ में ज्वाएस का नाटक 'Exiles' प्रकाशित हुआ जो इब्सन से प्रभावित है।
1914 में नौ वर्ष के विलंब के बाद ज्वाएस का कहानी-संग्रह 'Dubliners' प्रकाशित हुआ। ज्वाएस का कथन है, 'मेरा इरादा अपने देश के नैतिक इतिहास का एक परिच्छेद लिखने का था और इसके लिये मैंने डब्लिन को चुना क्योंकि वही पक्षाघात का केंद्र प्रतीत होता है। उदासीन जनता के समक्ष यह सब मैंने शैशव, कैशोर्य, प्रोढ़ावस्था, तथा नागरिक जीवन, इन शीर्षकों के अंतर्गत कहने की चेष्टा की है।' इस संग्रह की कहानियों 'The Dead' की संवेदना तथा प्रतीकात्मकता ज्वाएस को सर्व प्रथम एक सशक्त कथाकार घोषित करती है। 1916 में ज्वाएस का उत्कृष्ट आत्मकथामूलक उपन्यास 'Portrait of the Artist as a Young Man' प्रकाशित हुआ जिसका नायक स्टीफेन डेडालस आगे चल कर ज्वाएस की कृति 'Ulysses' में भी प्रकट होता है। एज़रा पाउंड 'Egoist' पत्रिका में 1914-15 में धारावाहिक रूप से इस उपन्यास को प्रकाशित कर चुके थे। यह ज्वाएस की प्रथम रचना थी जो उन्होंने चेतना-धारा (Stream of Consciousness) शैली में लिखी। पहले ज्वाएस ने इस उपन्यास की रचना 'Stephan Hero' नाम से की थी किंतु यह उनकी मृत्यु के उपरांत 1944 में ही प्रकाशित हो सका। भाषा की दृष्टि से दोनों में बहुत अंतर है। 1918 में ज्वाएस का नाटक 'Exiles' प्रकाशित हुआ जो इब्सन से प्रभावित है।


ज्वाएस की ४०वीं वर्षगाँठ पर १९२२ में उनकी महानतम कृति 'Ulysses' पेरिस में प्रकाशित हुई। ज्वाएस ने यह पुस्तक १९१४ में आरंभ की थी और १९१८-२० में इसके कुछ अंश धारावाहिक रूप से न्यूयॉर्क के 'Little Review' में छपे भी थे। 'Ulysses' के अनेक अंशों को अश्लील मान कर इंग्लैंण्ड और अमरीका में इस पर तत्काल रोक लगा दी गई। 'Ulysses' की कथा उसके तीन मुख्य चरित्रों--स्टीफेन डेडालस, लियोपोल्ड ब्लूम तथा ब्लूम की पत्नी मॉली-- के जीवन के अठारह घंटों की कहानी है। 'Portrait' में प्रयुक्त चेतना-धारा शैली का पूर्ण विकास 'Ulysses' में हुआ है। जैसा कि शीर्षक से स्पष्ट है कथा का प्रवाह होमर के महाकाव्य 'ओडेसी' (जिसका नायक यूलिसीज़ है) के समानांतर चलता है। फ्रेंच औपन्यासिक एद्वार्द दुजार्दां के एक अल्पख्यात उपन्यास से ज्काएस ने 'Ulysses' की स्वगतभाषण शैली का विकास किया है। यह शैली प्राउस्ट, डोरोथी रिचर्ड्सन आदि द्वारा भी प्रयुक्त हुई है और नवलेखन में बिरले लेखक ही इसके प्रभाव से मुक्त हैं। १९२७ में ज्वाएस की कविता पुस्तक 'Poems Pennyeach' प्रकाशित हुई और १९३६ में 'Collected Poems' जो केवल एक गीत के अतिरिक्त 'Chamber Music' का पुनर्मुद्रण है।
ज्वाएस की 40वीं वर्षगाँठ पर 1922 में उनकी महानतम कृति 'Ulysses' पेरिस में प्रकाशित हुई। ज्वाएस ने यह पुस्तक 1914 में आरंभ की थी और 1918-20 में इसके कुछ अंश धारावाहिक रूप से न्यूयॉर्क के 'Little Review' में छपे भी थे। 'Ulysses' के अनेक अंशों को अश्लील मान कर इंग्लैंण्ड और अमरीका में इस पर तत्काल रोक लगा दी गई। 'Ulysses' की कथा उसके तीन मुख्य चरित्रों--स्टीफेन डेडालस, लियोपोल्ड ब्लूम तथा ब्लूम की पत्नी मॉली-- के जीवन के अठारह घंटों की कहानी है। 'Portrait' में प्रयुक्त चेतना-धारा शैली का पूर्ण विकास 'Ulysses' में हुआ है। जैसा कि शीर्षक से स्पष्ट है कथा का प्रवाह होमर के महाकाव्य 'ओडेसी' (जिसका नायक यूलिसीज़ है) के समानांतर चलता है। फ्रेंच औपन्यासिक एद्वार्द दुजार्दां के एक अल्पख्यात उपन्यास से ज्काएस ने 'Ulysses' की स्वगतभाषण शैली का विकास किया है। यह शैली प्राउस्ट, डोरोथी रिचर्ड्सन आदि द्वारा भी प्रयुक्त हुई है और नवलेखन में बिरले लेखक ही इसके प्रभाव से मुक्त हैं। 1927 में ज्वाएस की कविता पुस्तक 'Poems Pennyeach' प्रकाशित हुई और 1936 में 'Collected Poems' जो केवल एक गीत के अतिरिक्त 'Chamber Music' का पुनर्मुद्रण है।


'Ulysses' में प्रारंभ की गई प्रतीकात्मक अर्थबहुल शब्द सृष्टि 'Finnegans Wake' में अगम्य हो जाती है। १९३९ में प्रकाशित यह पुस्तक ज्वाएस की अंतिम पुस्तक है। ज्वाएस आजीवन अर्थकष्ट और आँख के रोगों से ग्रस्त रहे और अंधे होते होते बचे।  
'Ulysses' में प्रारंभ की गई प्रतीकात्मक अर्थबहुल शब्द सृष्टि 'Finnegans Wake' में अगम्य हो जाती है। 1939 में प्रकाशित यह पुस्तक ज्वाएस की अंतिम पुस्तक है। ज्वाएस आजीवन अर्थकष्ट और आँख के रोगों से ग्रस्त रहे और अंधे होते होते बचे।  


==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

१२:०१, १८ अगस्त २०११ के समय का अवतरण

लेख सूचना
जेम्स ज्वाएस
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 5
पृष्ठ संख्या 39-40
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक फूलदेवसहाय वर्मा
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1965 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक चंद्रधर त्रिपाठी

जेम्स ज्वाएस (जन्म 2 फरवरी 1882 को डब्लिन में; विवाह 1904 में नोरा बार्नकिल के साथ; मृत्यु 13 जनवरी 1941 को ज्यूरिख में) आयरिश उपन्यासकार, कवि तथा लेखक। ज्वाएस की शिक्षा डब्लिन के जेसुइट विद्यालयों में हुई यद्यपि आगे चलकर वह निष्ठावान कैथॉलिक से घोर कैथॉलिक-विरोधी हो गए। कैथॉलिक यूनिर्वसिटी, डब्लिन के स्नातक (1902) ज्वाएस की होनहार प्रतिभा का दर्शन 17-18 वर्ष की अवस्था में लिखें उनके फुटकर निबंधों, यथा सन्‌ 1900 में लिखे निबंध 'Drama and Life', मैन्गन और इब्सन पर लिखे निबंध,' 'आयरिश लिटरेरी थियेटर' की कड़ी आलोचना आदि से होता है जिनमें उनकी आरंभिक मान्यताओं एवं दृढ़ मनोवृत्ति का परिचय भी मिलता है।

ज्वाएस ने 1904 में विदेश जाकर अनेक कामों में हाथ लगाया। पेरिस में उन्होंने चिकित्साशास्त्र का अध्ययन, तत्पश्चात्‌ संगीत का अभ्यास किया। इस सारे समय अंग्रेज़ी साहित्य के चिंतनशील अध्ययन के अतिरिक्त ज्वाएस अर्वाचीन भाषाओं तथा संगीत का भी अध्ययन करते रहे। इसी समय उन्होंने एक आयरिश दैनिक आरंभ करने की योजना बनाई तथा ज्यूरिख़ में रंगमंच पर काम किया। डब्लिन लौटकर उन्होंने कुछ कहानियाँ प्रकाशित की किंतु फिर जीवन यापन की समस्या से तंग आकर अपनी पत्नी के साथ ट्रीस्ट चले गए जहाँ उन्होंने अंग्रेज़ी अध्यापन का काम किया। दुबारा डब्लिन लौट कर उन्होंने एक सिनेमा घर खोला जो न चल सका। अब तक ज्वाएस की केवल एक गीत-पुस्तक 'Chamber Music' प्रकाशित हुई थी (1907)। इसके गीत कोमल और एलिज़ाबेथयुगीन हैं जिनसे ज्वाएस की भावी रचनाओं का तारतम्य कठिनाई से बैठता है।

1914 में नौ वर्ष के विलंब के बाद ज्वाएस का कहानी-संग्रह 'Dubliners' प्रकाशित हुआ। ज्वाएस का कथन है, 'मेरा इरादा अपने देश के नैतिक इतिहास का एक परिच्छेद लिखने का था और इसके लिये मैंने डब्लिन को चुना क्योंकि वही पक्षाघात का केंद्र प्रतीत होता है। उदासीन जनता के समक्ष यह सब मैंने शैशव, कैशोर्य, प्रोढ़ावस्था, तथा नागरिक जीवन, इन शीर्षकों के अंतर्गत कहने की चेष्टा की है।' इस संग्रह की कहानियों 'The Dead' की संवेदना तथा प्रतीकात्मकता ज्वाएस को सर्व प्रथम एक सशक्त कथाकार घोषित करती है। 1916 में ज्वाएस का उत्कृष्ट आत्मकथामूलक उपन्यास 'Portrait of the Artist as a Young Man' प्रकाशित हुआ जिसका नायक स्टीफेन डेडालस आगे चल कर ज्वाएस की कृति 'Ulysses' में भी प्रकट होता है। एज़रा पाउंड 'Egoist' पत्रिका में 1914-15 में धारावाहिक रूप से इस उपन्यास को प्रकाशित कर चुके थे। यह ज्वाएस की प्रथम रचना थी जो उन्होंने चेतना-धारा (Stream of Consciousness) शैली में लिखी। पहले ज्वाएस ने इस उपन्यास की रचना 'Stephan Hero' नाम से की थी किंतु यह उनकी मृत्यु के उपरांत 1944 में ही प्रकाशित हो सका। भाषा की दृष्टि से दोनों में बहुत अंतर है। 1918 में ज्वाएस का नाटक 'Exiles' प्रकाशित हुआ जो इब्सन से प्रभावित है।

ज्वाएस की 40वीं वर्षगाँठ पर 1922 में उनकी महानतम कृति 'Ulysses' पेरिस में प्रकाशित हुई। ज्वाएस ने यह पुस्तक 1914 में आरंभ की थी और 1918-20 में इसके कुछ अंश धारावाहिक रूप से न्यूयॉर्क के 'Little Review' में छपे भी थे। 'Ulysses' के अनेक अंशों को अश्लील मान कर इंग्लैंण्ड और अमरीका में इस पर तत्काल रोक लगा दी गई। 'Ulysses' की कथा उसके तीन मुख्य चरित्रों--स्टीफेन डेडालस, लियोपोल्ड ब्लूम तथा ब्लूम की पत्नी मॉली-- के जीवन के अठारह घंटों की कहानी है। 'Portrait' में प्रयुक्त चेतना-धारा शैली का पूर्ण विकास 'Ulysses' में हुआ है। जैसा कि शीर्षक से स्पष्ट है कथा का प्रवाह होमर के महाकाव्य 'ओडेसी' (जिसका नायक यूलिसीज़ है) के समानांतर चलता है। फ्रेंच औपन्यासिक एद्वार्द दुजार्दां के एक अल्पख्यात उपन्यास से ज्काएस ने 'Ulysses' की स्वगतभाषण शैली का विकास किया है। यह शैली प्राउस्ट, डोरोथी रिचर्ड्सन आदि द्वारा भी प्रयुक्त हुई है और नवलेखन में बिरले लेखक ही इसके प्रभाव से मुक्त हैं। 1927 में ज्वाएस की कविता पुस्तक 'Poems Pennyeach' प्रकाशित हुई और 1936 में 'Collected Poems' जो केवल एक गीत के अतिरिक्त 'Chamber Music' का पुनर्मुद्रण है।

'Ulysses' में प्रारंभ की गई प्रतीकात्मक अर्थबहुल शब्द सृष्टि 'Finnegans Wake' में अगम्य हो जाती है। 1939 में प्रकाशित यह पुस्तक ज्वाएस की अंतिम पुस्तक है। ज्वाएस आजीवन अर्थकष्ट और आँख के रोगों से ग्रस्त रहे और अंधे होते होते बचे।

टीका टिप्पणी और संदर्भ