"किरीट": अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण] | [अनिरीक्षित अवतरण] |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "१" to "1") |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
(इसी सदस्य द्वारा किए गए बीच के २ अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
*किरीट एक प्रकार का मुकुट या मुकुट के रूप में धारण किया जाने-वाला अलंकार-मंडन चाथ मुकुटं किरीटं पुंनपुंसकम्- अमरकोश <ref>अमरकोश | {{भारतकोश पर बने लेख}} | ||
*किरीट एक प्रकार का मुकुट या मुकुट के रूप में धारण किया जाने-वाला अलंकार-मंडन चाथ मुकुटं किरीटं पुंनपुंसकम्- अमरकोश <ref>अमरकोश 2,102</ref>। | |||
*शोभा, विजय या राज्यश्री के चिह्नस्वरूप माथे पर बाँधे जानवाले आलंकारिक उपकरण तीन प्रकार के कहे गए हैं-मुकुट, अर्धचंद्र के आकार का; किरीट, नुकीला या एक शिखरवाला और माल, तीन शिखरोवाला। जान पड़ता है, किरीट का प्रयोग युद्ध के लिए सुसज्जित वीर ही अधिकतर करते थे। | *शोभा, विजय या राज्यश्री के चिह्नस्वरूप माथे पर बाँधे जानवाले आलंकारिक उपकरण तीन प्रकार के कहे गए हैं-मुकुट, अर्धचंद्र के आकार का; किरीट, नुकीला या एक शिखरवाला और माल, तीन शिखरोवाला। जान पड़ता है, किरीट का प्रयोग युद्ध के लिए सुसज्जित वीर ही अधिकतर करते थे। | ||
*सुंदर एवं देदीप्यमान किरीट को धारण करने के कारण अर्जुन का एक नाम किरीटी हो गया था। मूतियों में किरीटमुकुट के अनेक रूप उपलब्ध हैं। | *सुंदर एवं देदीप्यमान किरीट को धारण करने के कारण अर्जुन का एक नाम किरीटी हो गया था। मूतियों में किरीटमुकुट के अनेक रूप उपलब्ध हैं। |
०५:४५, २५ जुलाई २०१८ के समय का अवतरण
चित्र:Tranfer-icon.png | यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें |
- किरीट एक प्रकार का मुकुट या मुकुट के रूप में धारण किया जाने-वाला अलंकार-मंडन चाथ मुकुटं किरीटं पुंनपुंसकम्- अमरकोश [१]।
- शोभा, विजय या राज्यश्री के चिह्नस्वरूप माथे पर बाँधे जानवाले आलंकारिक उपकरण तीन प्रकार के कहे गए हैं-मुकुट, अर्धचंद्र के आकार का; किरीट, नुकीला या एक शिखरवाला और माल, तीन शिखरोवाला। जान पड़ता है, किरीट का प्रयोग युद्ध के लिए सुसज्जित वीर ही अधिकतर करते थे।
- सुंदर एवं देदीप्यमान किरीट को धारण करने के कारण अर्जुन का एक नाम किरीटी हो गया था। मूतियों में किरीटमुकुट के अनेक रूप उपलब्ध हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अमरकोश 2,102