"अजामिल": अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण] | [अनिरीक्षित अवतरण] |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) ('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |पृष्ठ स...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
{{भारतकोश पर बने लेख}} | |||
{{लेख सूचना | {{लेख सूचना | ||
|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 | |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 | ||
पंक्ति २२: | पंक्ति २३: | ||
|अद्यतन सूचना= | |अद्यतन सूचना= | ||
}} | }} | ||
'''अजामिल''' कान्यकुब्ज का एक ब्राह्मण जो अपनी पापलिप्सा के लिए कुख्यात था। ऐसी पौराणिक कहानी है कि उसने अपने अंतिम समय में अपने पुत्र नारायण को, समीप बुलाया जिससे नामस्मरण मात्र से उसे सद्गति प्राप्त हो गई। | '''अजामिल''' कान्यकुब्ज का एक ब्राह्मण जो अपनी पापलिप्सा के लिए कुख्यात था। ऐसी पौराणिक कहानी है कि उसने अपने अंतिम समय में अपने पुत्र नारायण को, समीप बुलाया जिससे नामस्मरण मात्र से उसे सद्गति प्राप्त हो गई। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
११:३८, १२ अगस्त २०१४ के समय का अवतरण
चित्र:Tranfer-icon.png | यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें |
अजामिल
| |
पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 84 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1973 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | चंद्रचूड़ मणि। |
अजामिल कान्यकुब्ज का एक ब्राह्मण जो अपनी पापलिप्सा के लिए कुख्यात था। ऐसी पौराणिक कहानी है कि उसने अपने अंतिम समय में अपने पुत्र नारायण को, समीप बुलाया जिससे नामस्मरण मात्र से उसे सद्गति प्राप्त हो गई।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ