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हेमचंद दासगुप्त
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 12 |
पृष्ठ संख्या | 390 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | कमलापति त्रिपाठी |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | महाराज नारायण मेहरोत्रा |
हेमचंद दासगुप्त भूविज्ञानी थे। इनका जन्म सन् 1878 में दीनाजपुर ज़िले में हुआ था। ज़िला स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करके के उपरांत 1895 में आपने कलकत्ता प्रेसीडेंसी कालेज में प्रवेश किया। यहाँ सन् 1900 में आपने एम. ए. (आनर्स) की डिगरी प्राप्त की। तीन वर्ष पश्चात् आपकी नियुक्ति इसी विद्यालय में डिमोंस्ट्रेटर के पद पर हुई। धीरे-धीरे उन्नति करते हुए आप इसी विद्यालय में भूविज्ञान के प्रोफेसर हो गए।
बहुत सी संस्थाओं से आपका निकट संबंध था। भारतीय विज्ञान कांग्रेस के विकास में आपने महत्वपूर्ण योग दिया। आप उसकी कार्यकारिणी के सदस्य थे तथा सन् 1928 ई. में उसके भूविज्ञान विभाग के अध्यक्ष चुने गए। 'जियालौजिकल माइनिंग ऐंड मेटालरजिकल सोसाइटी ऑव इंडिया' के आप संस्थापकों में से थे तथा आपने उसके सेक्रेटरी के रूप में भी कार्य किया। कलकत्ता विश्वविद्यालय की विभिन्न संस्थाओं के भी आप सदस्य थे। इनके अतिरिक्त आप 'बंगीय साहित्य परिषद्', 'एशियाटिक सोसाइटी आफ बंगाल' तथा 'इंडियन एसोसिएशन फार कल्टिवेशन ऑव साइंस' के भी प्रमुख कार्यकर्ताओं में से थे। जमशेदपुर में ताता स्टील कंपनी स्थापित करने में आपका प्रमुख हाथ था। आप ही की सम्मति से यह कंपनी जमशेदपुर में स्थापित हुई। आपका जीवन बहुत सादा था। आपका देहावसान 1 जनवरी, सन् 1933को हुआ।
टीका टिप्पणी और संदर्भ