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# विश्वकर्मा। | # विश्वकर्मा। | ||
# प्रसेनजित् का पुत्र तथा पौत्र वृहद्बल। | # प्रसेनजित् का पुत्र तथा पौत्र वृहद्बल। | ||
# भरतपुत्र तक्ष और | # भरतपुत्र तक्ष और | ||
# तक्षशिला नगर के संस्थापक गांधार नरेश का उपनाम तथा नाम। | # तक्षशिला नगर के संस्थापक गांधार नरेश का उपनाम तथा नाम। | ||
११:१२, २३ जुलाई २०१५ के समय का अवतरण
तक्षक
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 5 |
पृष्ठ संख्या | 301 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | राम प्रसाद त्रिपाठी |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1965 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | श्याम तिवारी |
तक्षक
- कश्यप और कद्रू का पुत्र, नागों का राजा जो इंद्र का मित्र था। इसने श्रृंग से प्रेरित होकर अर्जुन के पौत्र परीक्षित को डसा था। बैद ऋषि के शिष्य उत्तंक से कुंडल के प्रश्न पर इसका विरोध बढ़ा, फलत: सर्पयज्ञ द्वारा पिता की मृत्यु का प्रतिशोध लेने की सीख जनमेजय को देकर उसने तक्षक का वध करना चाहा। लेकिन परिवार के 18 नागकुल के भस्म होने पर भी यह इंद्र की सहायता से उक्त यज्ञ में जल मरने से बच गया।
- विश्वकर्मा।
- प्रसेनजित् का पुत्र तथा पौत्र वृहद्बल।
- भरतपुत्र तक्ष और
- तक्षशिला नगर के संस्थापक गांधार नरेश का उपनाम तथा नाम।
टीका टिप्पणी और संदर्भ