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''''डफला पहाड़ियाँ'''' समुद्रतल से लगभग 6,000 फुट ऊँचाई पर स्थित यह हिमालय पर्वत की श्रृंखला है। इसका मैदानी भाग तराई प्रदेश का ही अंश है। यह भारत के पूर्वी सीमांत पर असम प्रदेश के वालीपारा एवं लखीमपुर क्षेत्रों के तथा ब्रह्मपुत्र और उसका सहायक नदियों के मध्य में स्थित है। इसके दाहिनी ओर से बहनेवाली दो सहायक नदियाँ- पूर्व की ओर रंगा तथा पश्चिम की ओर मरेली हैं। यहाँ अत्यधिक वर्षा होती है।  
''''डफला पहाड़ियाँ'''' समुद्रतल से लगभग 6,000 फुट ऊँचाई पर स्थित यह [[हिमालय पर्वत]] की श्रृंखला है। इसका मैदानी भाग तराई प्रदेश का ही अंश है। यह भारत के पूर्वी सीमांत पर असम प्रदेश के वालीपारा एवं लखीमपुर क्षेत्रों के तथा ब्रह्मपुत्र और उसका सहायक नदियों के मध्य में स्थित है।  
==संपूर्ण भाग आदिवासियों से भरा==
 
संपूर्ण भाग डफला आदिवासियों से भरा है जो विभिन्न जातियों एवं उपजातियों में विभक्त हैं। ये आदिवासी तिब्बती-बर्मी वंश के हैं जो देखने में मोटे, नाटे कदवाले तथा मंगोलियन जाति से मिलते जुलते हैं। इन पहाड़ियों की पश्चिमी दिशा में अकास<ref>Akas</ref>  नामक आदिवासियों का निवासस्थल है। इनका आचार व्यवहार डफला आदिवासियों से मेल खाता है। अहोम<ref>Ahom</ref>  राजाओं के समय में डफला आदिवासी मैदान में रहनेवाले सुलभ एवं सरल ग्रामीणों को हमेशा लूटा पाटा करते थे। ब्रह्मपुत्र घाटी का रेल तथा सड़क यातायात का मुख्य केन्द्र तेजपुर, डफला पहाड़ियों से कुछ ही दूर दक्षिण की ओर है। डफला पहाड़ी श्रृंखलाओं पर साल और पाइन के जंगल तथा वर्षा प्रधान वन में उत्पन्न होने वाली अन्य वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। नदियों की घाटियों में कहीं-कहीं सीढ़ीदार खेतों में धान तथा अन्य उपयुक्त खाद्यान्नों की खेती होती है।  
*इसके दाहिनी ओर से बहनेवाली दो सहायक नदियाँ- पूर्व की ओर रंगा तथा पश्चिम की ओर मरेली हैं।  
*यहाँ अत्यधिक [[वर्षा]] होती है।  
*संपूर्ण भाग डफला आदिवासियों से भरा है जो विभिन्न जातियों एवं उपजातियों में विभक्त हैं।  
*ये आदिवासी तिब्बती-बर्मी वंश के हैं जो देखने में मोटे, नाटे कदवाले तथा मंगोलियन जाति से मिलते जुलते हैं।  
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*ब्रह्मपुत्र घाटी का रेल तथा सड़क यातायात का मुख्य केन्द्र तेजपुर, डफला पहाड़ियों से कुछ ही दूर दक्षिण की ओर है।  
*डफला पहाड़ी श्रृंखलाओं पर साल और पाइन के जंगल तथा वर्षा प्रधान वन में उत्पन्न होने वाली अन्य वनस्पतियाँ पाई जाती हैं।  
*नदियों की घाटियों में कहीं-कहीं सीढ़ीदार खेतों में धान तथा अन्य उपयुक्त खाद्यान्नों की खेती होती है।  


==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

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लेख सूचना
डफला पहाड़ियाँ
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 5
पृष्ठ संख्या 208
भाषा हिन्दी देवनागरी
लेखक विजयराम सिंह
संपादक फूलदेवसहाय वर्मा
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1965 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी

'डफला पहाड़ियाँ' समुद्रतल से लगभग 6,000 फुट ऊँचाई पर स्थित यह हिमालय पर्वत की श्रृंखला है। इसका मैदानी भाग तराई प्रदेश का ही अंश है। यह भारत के पूर्वी सीमांत पर असम प्रदेश के वालीपारा एवं लखीमपुर क्षेत्रों के तथा ब्रह्मपुत्र और उसका सहायक नदियों के मध्य में स्थित है।

  • इसके दाहिनी ओर से बहनेवाली दो सहायक नदियाँ- पूर्व की ओर रंगा तथा पश्चिम की ओर मरेली हैं।
  • यहाँ अत्यधिक वर्षा होती है।
  • संपूर्ण भाग डफला आदिवासियों से भरा है जो विभिन्न जातियों एवं उपजातियों में विभक्त हैं।
  • ये आदिवासी तिब्बती-बर्मी वंश के हैं जो देखने में मोटे, नाटे कदवाले तथा मंगोलियन जाति से मिलते जुलते हैं।
  • इन पहाड़ियों की पश्चिमी दिशा में अकास[१] नामक आदिवासियों का निवासस्थल है।
  • इनका आचार व्यवहार डफला आदिवासियों से मेल खाता है।
  • अहोम[२] राजाओं के समय में डफला आदिवासी मैदान में रहनेवाले सुलभ एवं सरल ग्रामीणों को हमेशा लूटा पाटा करते थे।
  • ब्रह्मपुत्र घाटी का रेल तथा सड़क यातायात का मुख्य केन्द्र तेजपुर, डफला पहाड़ियों से कुछ ही दूर दक्षिण की ओर है।
  • डफला पहाड़ी श्रृंखलाओं पर साल और पाइन के जंगल तथा वर्षा प्रधान वन में उत्पन्न होने वाली अन्य वनस्पतियाँ पाई जाती हैं।
  • नदियों की घाटियों में कहीं-कहीं सीढ़ीदार खेतों में धान तथा अन्य उपयुक्त खाद्यान्नों की खेती होती है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. Akas
  2. Ahom