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अमरेली
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 203 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | श्री कैलासानाथ सिंह |
अमरेली महाराष्ट्र में बड़ौदा से 139 मील तथा अहमदाबाद से 132 मील दक्षिण पश्चिम में थेबी नामक एक छोटी नदी पर स्थित इसी नाम के जिले का प्रमुख नगर है (स्थिति 20° 36¢ उ.अ. एवं 71° 15¢ पू. दे.)। यह ऐतिहासिक महत्व का स्थान हे जो प्राचीन काल में अमरवल्ली कहलाता था। इसके चतुर्दिक् निर्मित प्राचीर अब विनष्टपाय है। भावनगर-पोरबंदर-रेलवे के चितल स्टेशन से दस मील दूर होने के कारण यातायात की असुविधा है, परंतु अब पक्की सड़कों द्वारा चारों ओर से संबंध स्थापित हो गया है। यहाँ पहले हाथ कर घे से बने वस्त्रों का व्यवसाय प्रमुख था, परंतु कारखानों की प्रतिद्वंद्विता के कारण दिन-प्रति-दिन घट रहा है। रँगाई एवं चाँदी का काम भी यहाँ होता है। यह नगर काठियावाड़ की कपास तथा बिनौले की बड़ी मंडियों में से एक है। यहाँ बिनौले निकालने के कारखाने हैं। यह जिले का प्रमुख प्रशासनिक एवं शैक्षणिक केंद्र है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ