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आँहवेई
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 332 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | डॉ. नवलकिशोर प्रसाद सिंह |
आँहवेई चीन देश का एक पूर्वी प्रांत है, जो याँगसीक्याँग की घाटी में स्थित है; क्षेत्रफल : 1,३9,000.9 वर्ग कि.मी.; जनसंख्या 3,50,00,000 (19६8 ई.)। यह प्रांत सन् 1938 से 1948 ई. तक जापान के अधीन रहा। चीन की राजनीतिक क्रांति के बाद इसके दो भाग किए गए, परंतु अगस्त, सन् 1952 ई. में ये पुन: एक हो गए। आँहवेई दो प्राकृतिक भागों में विभक्त किया जा सकता है:
(1) उत्तरी आँहवेई, उत्तर चीन के मैदान का एक खंड है जो ह्वाईहो की द्रोणी में स्थित है। यह क्षेत्र जाड़े में अत्यधिक ठंडा और शुष्क तथा गर्मी में आर्द्र एवं उष्ण रहता है। यह जाड़े में गेहूँ और क्योंलियाँग की उपज के लिए प्रसिद्ध है।
(2) दक्षिणी आँहवेई, याँगसीक्याँग की घाटी में पहाड़ियों से घिरा, अधिक रम्य जलवायु तथा गेहूँ एवं चावल की उपज का क्षेत्र है। यह प्रांत अन्न के अतिरक्ति रूई, रेशम, चाय तथा खनिजों में कोयले और लोहे का भी उत्पादन करता है। इसके प्रमुख नगर पेंगपू, वुहू, होफी तथा हाइनिंग हैं। होफी उत्पादन करता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ