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आंती
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 328 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | डॉ. नृपेंद्रकुमार प्रसाद सिंंह |
आंती दक्षिण पेरू की एक लड़ाकू जाति है, जो ऐंडीज़ पर्वत की पूर्वी ढाल पर उकायली नामक द्रोणी (बेसिन) के जंगलों में निवास करती है। ये लोग पहले क्रूर नरभक्षी थे, किंतु अब उनके पुरूषों ने धातु की कारीगरी तथा स्त्रियों ने कपड़ा बुनने का कार्य आरंभ कर दिया है। इस जाति के लोग बलिष्ठ होते हैं। इनके लंबे बाल कंधों पर लटकते रहते हैं। श्रृंगार के लिए ये लोग चिड़ियों के पंख एवं चोंच की माला गले में पहनते हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ