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ईसोदा मासाकात्सू कोर्युसाई
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 172 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | पद्मा उपाध्याय |
ईसोदा मासाकात्सू कोर्युसाई (लोकप्रिय नाम शोबे) (18वीं सदी ई.)। जापान का एक चित्रकार। टोकियो के शिगेनागा का शिष्य। 1870 ई. में उसकी कला को ख्याति मिली और उन्होंने ब्लाक मुद्रण छोड़ तूलिका की साधना विशेष लगन से शुरू की। उसकी प्रसिद्धि के मुख्य आधार उसके स्तंभचित्रण, कागज के मुड़ जाने वाले करविज़नों की डिज़ाइन तथा अलंकरण प्लेटें हैं। सौंदर्यसाधक होने के कारण वह स्वयं अलंकृत और कीमती वेशभूषा का व्यवहार करते थे। उसके रंगों में प्रधान गहरे गुलाबी, बैंगनी, गहरे नीले, नारंगी पीले और भूरे थे।
टीका टिप्पणी और संदर्भ