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|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 | |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
०६:४८, २५ जुलाई २०१८ के समय का अवतरण
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क्लिंजर
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 237 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | भाऊ समर्थ |
लेख सम्पादक | परमेश्वरीलाल गुप्त |
क्लिंजर (1857-1920) चित्रकला, शिल्पकला और एचिंग (खुदाई) कला में निष्णात् जर्मन कलाकार। इसका जन्म लाइपत्सिग में एक व्यापारी के घर हुआ था। सन् 1874 में कार्लस्रुन में कला के अध्ययन अभ्यास का श्रीगणेश किया। सन् 1878 में इनकी कला तथा हस्तकौशल की कटु आलोचना हुई। मूर्खतापूर्ण अनावश्यक शंकाएँ उपस्थित कर कुछ काल तक इनकी कला पर प्रतिबंध लगाया गया था। अंतत: बर्लिन की नैशनल गैलरी में इनके चित्रों को स्थान मिला। बाइबिल और पौराणिक विषयों से संबंधित इनकी त्रासात्मक कलाकृतियाँ लाइपत्सिग युनिवर्सिटी तथा म्यूज़ियम के लिये विशेष रूप से बनाई गई थी।
टीका टिप्पणी और संदर्भ