"एल ओबेद": अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण] | [अनिरीक्षित अवतरण] |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) ('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |पृष्ठ स...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
{{भारतकोश पर बने लेख}} | |||
{{लेख सूचना | {{लेख सूचना | ||
|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 | |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
०९:०२, १७ जुलाई २०१८ के समय का अवतरण
चित्र:Tranfer-icon.png | यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें |
एल ओबेद
| |
पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 249 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | श्यामसुंदर शर्मा |
एल ओबेद (अल ओबेद) सूडान के कोर्दोफान प्रांत का मुख्य नगर है। यह खार्तूम से 230 मी. दक्षिण-पश्चिम, 13रू16व् उ. अ. तथा 29रू 48व् पू. दे. पर समुद्र की सतह से 1,865 फु. की ऊँचाई पर तथा प्रांत के मध्य में सूडान रेलवे के अंतिम छोर पर स्थित है। यहाँ की अनुमानित जनसंख्या सन् 1964 ई. में 60,000 थी। यह नगर व्यापारिक केंद्र भी है तथा यहाँ के व्यापार की मुख्य वस्तुएँ गोंद, पशु और भेड़ें हैं। यहाँ का अधिकांश व्यापार दारफुर से होता है।
सन् 1821 ई. में कोर्दोफान की विजय के बाद यह नगर मिस्रवालों का सैनिक केंद्र हो गया था, परंतु सन् 1882 ई. में विद्रोही मोहम्मद अहमद द्वारा अधिकृत कर लिया गया। महदिया के समय में यह नगर नष्ट भ्रष्ट तथा वीरान कर दिया गया था, परंतु सन् 1899 ई. में पुन: नया नगर बसाया गया।
टीका टिप्पणी और संदर्भ