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एलुरू
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 253 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | हरिहर सिंह |
एलुरू (स्थिति 16रू 43फ़ उ.अ., 81रू 7फ़ पू.दे.) आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले में स्थित एक बड़ा नगर है। जिले के सभी मुख्य कार्यालय यहीं पर हैं। नगर एतिहासिक महत्व का है। 1470 ई. में मुसलमानों ने यहाँ अपना अधिकार जमाया; किंतु 1515 ई. में विजयनगर के राजा कृष्णदेव ने इसपर पुन: अधिकार कर लिया। अंग्रेजों ने कुछ समय के लिए यहाँ छावनी भी बनाई थी।
एलुरू मैदानी क्षेत्र में स्थित है तथा अपने क्षेत्र का एकमात्र बाजार है। नगर में चावल की मिलें बहुत सी हैं। यहाँ चमड़े का कारोबार भी होता है। दरी तथा कालीन बनाने का यहाँ का व्यवसाय प्रसिद्ध है। 1901 ई. में यहाँ की जनसंख्या 33,521 थी जो 1951 में बढ़कर 87,213 हो गई थी।1961 ई. में यहाँ की जनसंख्या 1,08,321 थी।
टीका टिप्पणी और संदर्भ