"कुमारगुप्त तृतीय": अवतरणों में अंतर

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
('*कुमारगुप्त (तृतीय) भितरी और नालंदा से प्राप्त मुहरो...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति १: पंक्ति १:
{{भारतकोश पर बने लेख}}
*कुमारगुप्त (तृतीय) भितरी और नालंदा से प्राप्त मुहरों के अनुसार गुप्तवंशीय नरसिंहगुप्त का पुत्र और विष्णुगिप्त का पिता। बहुत दिनों तक इसे भी सारनाथ अभिलेख में उल्लखित कुमारगुप्त समझा और कुमारगुप्त (द्वितीय) कहा जाता रहा। किंतु हाल में मिले प्रमाणों से ज्ञात होता है कि यह उससे सर्वथा भिन्न था और वह बुधगुप्त के परवर्ती काल के शासकों का था।
*कुमारगुप्त (तृतीय) भितरी और नालंदा से प्राप्त मुहरों के अनुसार गुप्तवंशीय नरसिंहगुप्त का पुत्र और विष्णुगिप्त का पिता। बहुत दिनों तक इसे भी सारनाथ अभिलेख में उल्लखित कुमारगुप्त समझा और कुमारगुप्त (द्वितीय) कहा जाता रहा। किंतु हाल में मिले प्रमाणों से ज्ञात होता है कि यह उससे सर्वथा भिन्न था और वह बुधगुप्त के परवर्ती काल के शासकों का था।
*इसके अतिरिक्त उत्तरवंशी गुप्तवंश में भी एक कुमारगुप्त हुआ था। उसने अफसर अभिलेख के अनुसार मौखरि ईशानवर्मन को पराजित किया था। वह विजय करता प्रयाग तक आया था और वहीं उसकी मृत्यु हुई।
*इसके अतिरिक्त उत्तरवंशी गुप्तवंश में भी एक कुमारगुप्त हुआ था। उसने अफसर अभिलेख के अनुसार मौखरि ईशानवर्मन को पराजित किया था। वह विजय करता प्रयाग तक आया था और वहीं उसकी मृत्यु हुई।
पंक्ति ४: पंक्ति ५:
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
[[Category:इतिहास_कोश]]
[[Category:इतिहास]]  
[[Category:गुप्त_काल]]
[[Category:गुप्त_काल]]
[[Category:हिन्दी_विश्वकोश]]
[[Category:हिन्दी_विश्वकोश]]
[[Category:नया पन्ना]]
[[Category:नया पन्ना]]
__INDEX__
__INDEX__

१३:४३, २२ सितम्बर २०१४ के समय का अवतरण

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • कुमारगुप्त (तृतीय) भितरी और नालंदा से प्राप्त मुहरों के अनुसार गुप्तवंशीय नरसिंहगुप्त का पुत्र और विष्णुगिप्त का पिता। बहुत दिनों तक इसे भी सारनाथ अभिलेख में उल्लखित कुमारगुप्त समझा और कुमारगुप्त (द्वितीय) कहा जाता रहा। किंतु हाल में मिले प्रमाणों से ज्ञात होता है कि यह उससे सर्वथा भिन्न था और वह बुधगुप्त के परवर्ती काल के शासकों का था।
  • इसके अतिरिक्त उत्तरवंशी गुप्तवंश में भी एक कुमारगुप्त हुआ था। उसने अफसर अभिलेख के अनुसार मौखरि ईशानवर्मन को पराजित किया था। वह विजय करता प्रयाग तक आया था और वहीं उसकी मृत्यु हुई।

टीका टिप्पणी और संदर्भ