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'''अंतपाल''' कौटिलीय | {{भारतकोश पर बने लेख}} | ||
'''अंतपाल''' राज्य की सीमाओं की रक्षा करने वाले राजकर्मचारी थे, जिनकी जानकारी हमें कौटिलीय अर्थशास्त्र से प्राप्त होती है। | |||
*इनका वेतन कुमार, पौर, व्यावहारिक, मंत्री तथा राष्ट्रपाल के बराबर होता था। | *इनका वेतन कुमार, पौर, व्यावहारिक, मंत्री तथा राष्ट्रपाल के बराबर होता था। | ||
*अशोक के समय अंतपाल ही 'अंतमहामात्र' कहलाने लगे थे। | *अशोक के समय अंतपाल ही 'अंतमहामात्र' कहलाने लगे थे। |
११:१३, १९ फ़रवरी २०१४ के समय का अवतरण
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अंतपाल राज्य की सीमाओं की रक्षा करने वाले राजकर्मचारी थे, जिनकी जानकारी हमें कौटिलीय अर्थशास्त्र से प्राप्त होती है।
- इनका वेतन कुमार, पौर, व्यावहारिक, मंत्री तथा राष्ट्रपाल के बराबर होता था।
- अशोक के समय अंतपाल ही 'अंतमहामात्र' कहलाने लगे थे।
- गुप्त काल में अंतपाल को 'गोप्ता' नाम से सम्बोधित किया जाने लगा था।
- मालविकाग्निमित्र नाटक में वीरसेन तथा एक अन्य अंतपाल का भी उल्लेख हुआ है।
- वीरसेन नर्मदा के किनारे स्थित अंतपाल दुर्ग का अधिपति था।
- अंतपालों का कार्य अति महत्वपूर्ण हुआ करता था, ग्रीक कर्मचारी 'स्त्रातेगस' से इन पदाधिकारियों की तुलना करना सहज है।
- अंतपाल शब्द साधारणतया सीमांत प्रदेश के शासक या गवर्नर को निर्दिष्ट करता है।
- यह शासक सैनिक, असैनिक दोनों ही प्रकार का होता था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ