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अंशुवर्मन
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 62 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1973 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | भगवतीशरण उपाध्याय। |
अंशुवर्मन नेपाल के ठाकुरी राजकुल का प्रतिष्ठाता और पहला नृपति। अंशुवर्मन पहले लिच्छविनरेश शिवदेव का मंत्री था, परंतु जिस प्रकार अभी हाल तक नेपाल में अधिकतर राजनीतिक अधिकार मंत्री के हाथ में रहा है, तब भी उसी प्रकार अंशुवर्मन राज्य का यथार्थत स्वामी था। शक्ति संपूर्णत हाथ आ जाने पर उसने राजमुकुट भी धारण कर लिया और पुराने राजकुल का अंत कर उसने ठाकुरी कुल की प्रतिष्ठा की। उसने एक संवत् भी चलाया जिसका प्रारंभ 59 ई. से माना जाता है। अंशुवर्मन ने अपनी कन्या का विवाह तिब्बत के प्रसिद्ध सम्राट सांग-ब्तसानगंपो के साथ किया। हिंदू होते हुए भी उसे इस प्रकार के विवाह से परहेज न था। अंशुवर्मन ने संभवत 40 वर्ष राज किया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ