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'''उग्रायुध''' [[हिन्दू धर्म]] के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ '[[भागवत]]' के अनुसार 'नीप' का पुत्र था। लेकिन अन्य पुराणों में यह उल्लेख भी हुआ है कि वह 'कृत' का पुत्र था।
'''उग्रायुध''' [[हिन्दू धर्म]] के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ '[[भागवत]]' के अनुसार 'नीप' का पुत्र था। लेकिन अन्य पुराणों में यह उल्लेख भी हुआ है कि वह 'कृत' का पुत्र था।



१३:४१, २ फ़रवरी २०१४ के समय का अवतरण

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उग्रायुध हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ 'भागवत' के अनुसार 'नीप' का पुत्र था। लेकिन अन्य पुराणों में यह उल्लेख भी हुआ है कि वह 'कृत' का पुत्र था।

  • उग्रायुध ने आठ हजार वर्ष तपस्या की थी और यम ने स्वयं इसे तत्वज्ञान सिखाया था।
  • इसके पुत्र का नाम क्षेम्य था। उग्रायुध ने 101 नीपों का नाश किया और भल्लाटपुत्र जनमेजय को भी मारा था।
  • हस्तिनापुर के महाराज शांतनु की मृत्यु के बाद उग्रायुध ने सत्यवती की माँग की थी, जिससे क्रुद्ध होकर भीष्म ने इसका वध कर दिया।[१]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कैलास चन्द्र शर्मा, हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2, पृष्ठ संख्या 52