"कुंदुरी": अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण] | [अनिरीक्षित अवतरण] |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "३" to "3") |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "१" to "1") |
||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
*कुंदुरी यह भूशायी अथवा आरोही बूटी है जो सारे भारत मेर्ज गली रूप में उगती है। | *कुंदुरी यह भूशायी अथवा आरोही बूटी है जो सारे भारत मेर्ज गली रूप में उगती है। | ||
*इसकी जड़ें लंबी और फल २ से ५ सें. मी. लंबे और | *इसकी जड़ें लंबी और फल २ से ५ सें. मी. लंबे और 1 से २.५ सें. मी. व्यासवाले अंडाकार अथवा दीर्घवृत्ताकार होते हैं। | ||
*फल कच्चा रहने पर हरे और सफेद धारियों से युक्त होता है। | *फल कच्चा रहने पर हरे और सफेद धारियों से युक्त होता है। | ||
*पक जाने पर इसका रंग चटक सिंदूरी हो जाता है। | *पक जाने पर इसका रंग चटक सिंदूरी हो जाता है। | ||
पंक्ति ७: | पंक्ति ७: | ||
*कुंदुरी के फलों के रासायनिक विश्लेषण से निम्नांकित मान प्राप्त हुए हैं: | *कुंदुरी के फलों के रासायनिक विश्लेषण से निम्नांकित मान प्राप्त हुए हैं: | ||
आर्द्रता ९3. | आर्द्रता ९3.1० कार्बोहाइड्रेट ०3.५० | ||
प्रोटीन | प्रोटीन ०1.२० खनिज पदार्थ ००.५० | ||
वसा ००. | वसा ००.1० कैल्सियम ००.४० | ||
तंतु | तंतु ०1.६० फास्फोरस ००.०3 प्रतिशत | ||
*कुंदुरी की जड़ों, तनों और पत्तियों के अनेक विरचनों का उल्लेख देशी ओषधियों में पाया जाता है जिसके अनुसार इसे चर्म रोगों, जुकाम, फेफड़ों के शोथ तथा मधुमेह में लाभदायक बताया गया है। | *कुंदुरी की जड़ों, तनों और पत्तियों के अनेक विरचनों का उल्लेख देशी ओषधियों में पाया जाता है जिसके अनुसार इसे चर्म रोगों, जुकाम, फेफड़ों के शोथ तथा मधुमेह में लाभदायक बताया गया है। |
०७:०४, १८ अगस्त २०११ का अवतरण
- कुंदुरी यह भूशायी अथवा आरोही बूटी है जो सारे भारत मेर्ज गली रूप में उगती है।
- इसकी जड़ें लंबी और फल २ से ५ सें. मी. लंबे और 1 से २.५ सें. मी. व्यासवाले अंडाकार अथवा दीर्घवृत्ताकार होते हैं।
- फल कच्चा रहने पर हरे और सफेद धारियों से युक्त होता है।
- पक जाने पर इसका रंग चटक सिंदूरी हो जाता है।
- कच्चे फल तरकारी बनाने के काम आते हैं और पकने पर ये ताजे भी खाए जाते हैं।
- कुछ लोग पके हुए फलों को शक्कर में पाग देते हैं।
- कुंदुरी के फलों के रासायनिक विश्लेषण से निम्नांकित मान प्राप्त हुए हैं:
आर्द्रता ९3.1० कार्बोहाइड्रेट ०3.५०
प्रोटीन ०1.२० खनिज पदार्थ ००.५०
वसा ००.1० कैल्सियम ००.४०
तंतु ०1.६० फास्फोरस ००.०3 प्रतिशत
- कुंदुरी की जड़ों, तनों और पत्तियों के अनेक विरचनों का उल्लेख देशी ओषधियों में पाया जाता है जिसके अनुसार इसे चर्म रोगों, जुकाम, फेफड़ों के शोथ तथा मधुमेह में लाभदायक बताया गया है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ