"हेमचंद जोशी": अवतरणों में अंतर
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हेमचंद जोशी
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 12 |
पृष्ठ संख्या | 390 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | कमलापति त्रिपाठी |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | लक्ष्मी शंकर व्यास |
हेमचंद जोशी हिंदी के प्रमुख भाषा शास्त्री तथा इतिहासज्ञ का जन्म नैनीताल में 21 जून, सन् 1894 ई. को हुआ। शिक्षा दीक्षा अलमोड़ा, प्रयाग तथा वाराणसी में हुई। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से इतिहास में एम. ए. किया। बरलिन विश्वविद्यालय में भी आपने उच्च अध्ययन किया और पेरिस विश्वविद्यालय से ऋग्वेदकाल में आर्थिक राजनीतिक स्थिति पर शोधप्रबंध प्रस्तुत कर डी. लिट्. की उपाधि ली। फ्रांस तथा जर्मनी में आप अनेक वर्ष रहे तथा वहाँ भाषा एवं साहित्य का गहन अध्ययन किया। स्वाधीनता आंदोलन में भी आपने प्रारंभ में भाग लिया था। गांधी की अपेक्षा तिलक का आप पर अधिक प्रभाव था। आप प्राय: सभी प्रमुख भारतीय भाषाएँ जानते थे। ग्रीक, लैटिन, इतालवी आदि भाषाओं के भी आप अच्छे ज्ञाता थे। सन् 1922 में आपकी 'स्वाधीनता के सिद्धांत' नामक पुस्तक प्रकाशित हुई। सन् 40 में भारत का इतिहास और 44 में विक्रमादित्य नामक पुस्तकें प्रकाशित हुईं। पिशेल के प्राकृत भाषा के व्याकरण का अनुवाद आपकी उल्लेख्य कृति है। आपने संस्मरण, यात्रा विवरण तथा प्रमुख पत्र पत्रिकाओं में सैकड़ों महत्वपूर्ण निबंध लिखे हैं। मासिक विश्वमित्र, विश्ववाणी तथा धर्म युग का संपादन कर आपने हिंदी पत्रकरिता को नवीन दिशा प्रदान की। हिंदी भाषा तथा साहित्य के क्षेत्र में आपकी सेवाएँ चिरस्मरणीय रहेंगी।
टीका टिप्पणी और संदर्भ