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०५:४३, ६ अगस्त २०१५ का अवतरण

लेख सूचना
जहाँदारशाह
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 4
पृष्ठ संख्या 438
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक राम प्रसाद त्रिपाठी
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी

जहाँदारशाह मुगल सम्राट्। बहादुरशाह का ज्येष्ठ पुत्र जहाँदारशाह 1661 में उत्पन्न हुआ। पिता की मृत्यु के पश्चात्‌ सत्ता के लिये इसे अपने भाइयों से संघर्ष करना पड़ा। मीर बख्शी जुल्फिकार खाँ ने इसे सहायता दी। इसका एक भाई अजीम-अल-शान लाहौर के निकट युद्ध में मारा गया। शेष दो भाइयों- जहानशाह और रफी-अल-शान को पदच्युतकर सम्राट् बनने में यह सफल हुआ। विलासी प्रकृति के जहाँदारशाह ने समूचे राज्य के प्रति उपेक्षा बरती। 1712 में अब्दुल्लाखाँ, हुसेन अलीखाँ और फर्रुखसियर ने इसके विरुद्ध पटना से कूच किया। आगरा में जहाँदारशाह ने टक्कर ली। पराजित होकर इसने दिल्ली में जुल्फिकार खाँ के पिता असदखाँ के यहाँ शरण ली। असदखाँ ने इसे दिल्ली के किले में कैद कर लिया। फर्रुखसियर ने विजयी होते ही इसकी हत्या करवा दी।


टीका टिप्पणी और संदर्भ