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आटाकामा
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 361 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | डॉ. नृपेंद्रकुमार सिंह |
आटाकामा - दक्षिणी अमरीका के पश्चिमी भाग में शुष्क और खारा मरुस्थल है। यह चिली देश के आटाकामा तथा अंटाफैगास्टा प्रदेश के अधिकतर भाग ओर अरजेनटीना के लौस ऐंडीज़ प्रदेश में फैला है। इसके ऊँचे भाग 'पूना डी आकामा' कहे जाते हैं। यह विच्छत्र पर्वतीय भाग है। जगह जगह ज्वालामुखी पर्वत हैं तथा अन्य भागों में शोरा मिलता है। यह मरुस्थल ऐंडील पर्वत तथा समुद्रतट के बीच में पड़ता है। ऊँचाई 3,000 से 5,000 फुट तक है। इसका क्षेत्रफल 1,084 वर्ग मील है। पूर्वी भाग में कभी वर्षो हो जाती है जिससे हिमाच्छादित ऊँची चोटियों से सोते निकलकर कुछ उर्वरापन ला देते हैं। यों अधिकतर भाग पठारी है जो जाड़े में शुष्क और अत्याधिक ठंडा रहता है तथा गरमी में वर्षा और आंधी से प्रभावित होता है। पश्चिमी ढाल पर विस्तृत, छिछले स्थल तथा सीढ़ीनुमा ढालें मिलती हैं जो तट पर बालू में मिल जाते हैं। यह भाग शोरा के लिए बहुत प्रसिद्ध हे। यह तीन चार शताब्दी पहले तक शुष्क तथा बेकार समझा जाता था, परंतु अब यहाँ खनिज पदार्थों का भांडार पाया गया है। यहाँ तांबा, चांदी, सीसा, कोबाल्ट, निकेल तथा बोरैक्स मिलते हैं। यहाँ पर खानों में काम करनेवाले लोगों की काफी बस्तियाँ हैं। यहाँ की ताँबा और चाँदी की खानें विश्वप्रसिद्ध हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ