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उशिज
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 148 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | ओंकारनाथ उपाध्याय |
उशिज ऋग्वेद के ऋषि कक्षीवान् की शूद्रा माता। इसकी पुत्रप्राप्ति की कथा कुछ पुराणों और महाभारत में कही गई है जिसके अनुसार यह कलिंग की रानी की क्वाँरी दासी थी। पुत्रपाप्ति के लिए राजा द्वारा रानी को दीर्घतमा ऋषि को आत्मसमर्पण करने के निर्देश पर रानी ने उशिज को अपने स्थान पर कर दिया था। इस प्रकार जो पुत्र हुआ वह कक्षीवान् कहलाया। कक्षीवान् का इसी से वेदों में मात्नाम कक्षीवान् औशिज चला।
टीका टिप्पणी और संदर्भ