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इदरिसी
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 526 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
इदरिसी (पूरा नाम अबू अब्दुल्ला मुहम्मद इब्न मुहम्मद इब्न अब्दुल्ला इब्न इदरिसी, लगभग सन् 1099-1154 ई.) अरब भूगोलविद् था। उसके दादा उस शाही खानदान के थे जो उत्तर पश्चिम अफ्रीका पर राज्य करता था। इदरिसी का जन्म सन् 1099 ई. में सेउटा (उत्तर पश्चिम मोरक्को) में हुआ। कारदोवा में उसने शिक्षा पाई और दूर-दूर देशों में पर्यटन किया। सिसिली के राजा रोजर (रॉजर) द्वितीय ने उसे सन् 1125 और 1150 ई. के बीच किसी समय आमंत्रित किया और इदरिसी वहाँ जाकर राजभूगोलविद् हुआ। राजा की आज्ञा से कई व्यक्ति दूर-दूर के देशों में गए और उनकी लाई सूचनाओं के आधार पर इदरिसी ने नया भूगोल लिखा। वह पुस्तक सन् 1154 ई. में पूर्ण हुई और इसका नाम इदरिसी ने अपने आश्रयदाता के नाम पर अल रोजरी रखा। इसमें उस समय तक लेखक को ज्ञात देशों का पूरा विवरण था। वह बहुत उदार विचारों का था, पृथ्वी को गोलाकार मानता था और अनेक देशों का तथा पहले के लेखकों के ग्रंथों का उसे विस्तृत ज्ञान था। उसने सारे संसार का मानचित्र भी तैयार किया। इसमें त्रुटियाँ अवश्य थीं, परंतु यह उस समय का सर्वोत्तम मानचित्र था। पूर्वोक्त ग्रंथ के अतिरिक्त इदरिसी ने एक और ग्रंथ लिखा था जिसक उल्लेख एक पीछे के लेखक ने किया है, परंतु अब यह अप्राप्य है। इदरिसी की पुस्तक अल रोजरी की हस्तलिखित प्रतिलिपियाँ आक्सफोर्ड और पेरिस के पुस्तकालयों में हैं। कई नकशे भी हैं। 1836-1840 में इदरिसी के पूरे भूगोल का फ्रेंच अनुवाद पेरिस की भूगोलपरिषद् ने छपाया था। उसके विशिष्ट खंडों का अनुवाद अन्य भाषाओं में भी छापा गया है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ