"आदम इवान क्रूसेन स्टर्न": अवतरणों में अंतर
[अनिरीक्षित अवतरण] | [अनिरीक्षित अवतरण] |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) ('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |पृष्ठ स...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
{{भारतकोश पर बने लेख}} | |||
{{लेख सूचना | {{लेख सूचना | ||
|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 | |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
०९:३४, १२ जून २०१८ के समय का अवतरण
चित्र:Tranfer-icon.png | यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें |
आदम इवान क्रूसेन स्टर्न
| |
पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 215 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | परमेश्वरीलाल गुप्त |
आदम इवान क्रूसेन स्टर्न (177इवान 0-1846 ई.)। रूसी नाविक और समुद्रान्वेषक। हग्गुड (एस्टोनिया) में 19 नवंबर, 1770 ई. को जन्म। रूसी नौसेना में कार्य आरंभ करने के बाद अंग्रेजी नौसेना में काम करने के लिये भेजा गया जहाँ वह 1793 से 99 ई. तक रहा। इस अवधि में उसने अमरीका, चीन और भारत की यात्रा की। लौट कर उसने रूस और चीन के बीच केपहार्न और केप ऑव गुडहोप के रास्ते सीधी यातायात के लाभ पर एक शोधपूर्ण लेख प्रकाशित किया। फलस्वरूप उसे ही इस अभियान का भार दिया गया। वह दो अंग्रेजी जहाज लेकर क्रोनस्तात से अगस्त, 1803 ई. में रवाना हुआ केपहॉर्न जाकर वह सैंडविंच द्वीप और कामचट्का होता हुआ जापान पहुँचा और वहाँ से वह केप ऑव गुडहोप के मार्ग से अगस्त, 1806 ई. में क्रोनस्तात वापस आया। संसार की परिक्रमा का यह पहला रूसी प्रयास था। उसकी इस यात्रा का वृत्त तीन खंडों में प्रकाशित हुआ है जिसमें 104 नक्शे हैं। उसने पीछे प्रशांत महासागर के नक्शों का एक अटलस और समुद्रन्वेषण पर एक ग्रंथ भी प्रकाशित किए। 24 अगस्त, 1846 ई. को रेवाल में उसकी मृत्यु हुई।
टीका टिप्पणी और संदर्भ