"लार्ड होरेशियो हरबर्ट किचनर": अवतरणों में अंतर

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किचनर, लार्ड होरेशियो हरबर्ट या अर्ल ऑव खारतूम (१८५०-१९१६)। .अँग्रेज सैनिक और शासक। इनका जन्म २४ जून, १८५० ई. को वैलीलोग फोर्ड <ref>आयरलैंड</ref> में हुआ था। इनके पिता भी सैनिक थे। वूलविच की रायल मिलटरी एकेडमी में सैनिक शिक्षा प्राप्त कर १८७० में अंगरेजी सेना के रायल इंजिनिअर्स अंग में ये सम्मिलित हुए। १८८२ में मिस्र की सेना में प्रवेश किया। १८९८ में ओमडरडम की प्रसिद्ध लड़ाई में विजय प्राप्त करके सूदान के दरवेशों की शक्ति को छिन्न-भिन्न कर कीर्तिलाभ किया। १८९९ में वे दक्षिण अफ्रीका की सेना में सम्मिलित हुए और विजय प्राप्त की। १९०२ से १९०९ तक वे भारत और ईस्ट इंडीज के सेनापति रहे। १९११ में वे मिस्र के एजेंट बनाए गए जहाँ उन्होंने राजकाज का बड़ी योग्यता से संपादन किया। १९१४ में जब प्रथम विश्व युद्ध आरंभ हुआ तो वे इंग्लैंड की सरकार के युद्धमंत्री नियुक्त किए गए। युद्धमंत्री के रूप में इनकी युद्धनीति मौलिक और साहसयुक्त थी। थोड़े ही समय में इन्होंने ७० कक्षों की एक नई सेना संघटित की, जो किचनर की सेना कहलाई। ५ जून, सन्‌ १९१६ के जब वे रूस के ज़ार के निमंत्रण पर रूसी सेना का संघटन करने हैंपशायर नामक जहाज में जा रहे थे तब समुद्र में एक भीषण तूफान आया और इनका जहाज जर्मनों द्वारा डाली गई एक सुरंग <ref>माइन</ref> से टकराकर समस्त यात्रियों सहित डूब गया। बहुत खोजने पर भी इनकी लाश का पता न चला। किचनर बड़े उद्भट योद्धा, कुशल सेनापति तथा शासक ही नहीं थे बल्कि बड़े देशभक्त और चरित्रवान्‌ नागरिक भी थे। अपने समकालीनों में इनका बड़ा मान था।  
किचनर, लार्ड होरेशियो हरबर्ट या अर्ल ऑव खारतूम (1८५०-1९1६)। 1.अँग्रेज सैनिक और शासक। इनका जन्म २४ जून, 1८५० ई. को वैलीलोग फोर्ड <ref>आयरलैंड</ref> में हुआ था। इनके पिता भी सैनिक थे। वूलविच की रायल मिलटरी एकेडमी में सैनिक शिक्षा प्राप्त कर 1८७० में अंगरेजी सेना के रायल इंजिनिअर्स अंग में ये सम्मिलित हुए। 1८८२ में मिस्र की सेना में प्रवेश किया। 1८९८ में ओमडरडम की प्रसिद्ध लड़ाई में विजय प्राप्त करके सूदान के दरवेशों की शक्ति को छिन्न-भिन्न कर कीर्तिलाभ किया। 1८९९ में वे दक्षिण अफ्रीका की सेना में सम्मिलित हुए और विजय प्राप्त की। 1९०२ से 1९०९ तक वे भारत और ईस्ट इंडीज के सेनापति रहे। 1९11 में वे मिस्र के एजेंट बनाए गए जहाँ उन्होंने राजकाज का बड़ी योग्यता से संपादन किया। 1९1४ में जब प्रथम विश्व युद्ध आरंभ हुआ तो वे इंग्लैंड की सरकार के युद्धमंत्री नियुक्त किए गए। युद्धमंत्री के रूप में इनकी युद्धनीति मौलिक और साहसयुक्त थी। थोड़े ही समय में इन्होंने ७० कक्षों की एक नई सेना संघटित की, जो किचनर की सेना कहलाई। ५ जून, सन्‌ 1९1६ के जब वे रूस के ज़ार के निमंत्रण पर रूसी सेना का संघटन करने हैंपशायर नामक जहाज में जा रहे थे तब समुद्र में एक भीषण तूफान आया और इनका जहाज जर्मनों द्वारा डाली गई एक सुरंग <ref>माइन</ref> से टकराकर समस्त यात्रियों सहित डूब गया। बहुत खोजने पर भी इनकी लाश का पता न चला। किचनर बड़े उद्भट योद्धा, कुशल सेनापति तथा शासक ही नहीं थे बल्कि बड़े देशभक्त और चरित्रवान्‌ नागरिक भी थे। अपने समकालीनों में इनका बड़ा मान था।  
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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०९:२१, १२ अगस्त २०११ का अवतरण

किचनर, लार्ड होरेशियो हरबर्ट या अर्ल ऑव खारतूम (1८५०-1९1६)। 1.अँग्रेज सैनिक और शासक। इनका जन्म २४ जून, 1८५० ई. को वैलीलोग फोर्ड [१] में हुआ था। इनके पिता भी सैनिक थे। वूलविच की रायल मिलटरी एकेडमी में सैनिक शिक्षा प्राप्त कर 1८७० में अंगरेजी सेना के रायल इंजिनिअर्स अंग में ये सम्मिलित हुए। 1८८२ में मिस्र की सेना में प्रवेश किया। 1८९८ में ओमडरडम की प्रसिद्ध लड़ाई में विजय प्राप्त करके सूदान के दरवेशों की शक्ति को छिन्न-भिन्न कर कीर्तिलाभ किया। 1८९९ में वे दक्षिण अफ्रीका की सेना में सम्मिलित हुए और विजय प्राप्त की। 1९०२ से 1९०९ तक वे भारत और ईस्ट इंडीज के सेनापति रहे। 1९11 में वे मिस्र के एजेंट बनाए गए जहाँ उन्होंने राजकाज का बड़ी योग्यता से संपादन किया। 1९1४ में जब प्रथम विश्व युद्ध आरंभ हुआ तो वे इंग्लैंड की सरकार के युद्धमंत्री नियुक्त किए गए। युद्धमंत्री के रूप में इनकी युद्धनीति मौलिक और साहसयुक्त थी। थोड़े ही समय में इन्होंने ७० कक्षों की एक नई सेना संघटित की, जो किचनर की सेना कहलाई। ५ जून, सन्‌ 1९1६ के जब वे रूस के ज़ार के निमंत्रण पर रूसी सेना का संघटन करने हैंपशायर नामक जहाज में जा रहे थे तब समुद्र में एक भीषण तूफान आया और इनका जहाज जर्मनों द्वारा डाली गई एक सुरंग [२] से टकराकर समस्त यात्रियों सहित डूब गया। बहुत खोजने पर भी इनकी लाश का पता न चला। किचनर बड़े उद्भट योद्धा, कुशल सेनापति तथा शासक ही नहीं थे बल्कि बड़े देशभक्त और चरित्रवान्‌ नागरिक भी थे। अपने समकालीनों में इनका बड़ा मान था।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. आयरलैंड
  2. माइन