"गोएबेल्स, जोज़ेफ": अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण] | [अनिरीक्षित अवतरण] |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) ('*गोएबेल्स, जोज़ेफ जर्मन राजनीतिज्ञ और हिटलर के सैद्...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "१" to "1") |
||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
*गोएबेल्स, जोज़ेफ जर्मन राजनीतिज्ञ और हिटलर के सैद्धांतिक सहकारी। जन्म २९ अक्टूबर, | *गोएबेल्स, जोज़ेफ जर्मन राजनीतिज्ञ और हिटलर के सैद्धांतिक सहकारी। जन्म २९ अक्टूबर, 1८९७ को रीड में हुआ। | ||
*गोएबेल्स ने कई विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की। फिलासफी में डाक्टर की डिग्री प्राप्त कर इन्होंने सन् | *गोएबेल्स ने कई विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की। फिलासफी में डाक्टर की डिग्री प्राप्त कर इन्होंने सन् 1९२२ में राष्ट्रीय समाजवादी दल के लिये काम करना शुरू किया। सन् 1९२६ ई. में हिटलर ने इनको ग्रेट बर्लिन के दलसंगठन का काम सौंपा। फिर 1९२९ में इनको संपूर्ण दल के प्रचार का कार्य करना पड़ा। सन् 1९३३ ई. में दल के सत्तारूढ़ होने पर गोएबेल्स की नियुक्ति प्रचारमंत्री के पद पर की गई। | ||
*जिस सूझ और लगन से इन्होंने प्रचार कार्य किया वह शासकीय इतिहास में अनन्य है। इनका सिद्धांत था कि झूठ को भी बार बार कहने से लोगों में उसके सच होने का विश्वास हो जाता है। कहा जाता है, बर्लिन पतन के पहले उन्होंने आत्महत्या कर ली। | *जिस सूझ और लगन से इन्होंने प्रचार कार्य किया वह शासकीय इतिहास में अनन्य है। इनका सिद्धांत था कि झूठ को भी बार बार कहने से लोगों में उसके सच होने का विश्वास हो जाता है। कहा जाता है, बर्लिन पतन के पहले उन्होंने आत्महत्या कर ली। | ||
[[Category:हिन्दी_विश्वकोश]] | [[Category:हिन्दी_विश्वकोश]] |
१०:४२, १२ अगस्त २०११ का अवतरण
- गोएबेल्स, जोज़ेफ जर्मन राजनीतिज्ञ और हिटलर के सैद्धांतिक सहकारी। जन्म २९ अक्टूबर, 1८९७ को रीड में हुआ।
- गोएबेल्स ने कई विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की। फिलासफी में डाक्टर की डिग्री प्राप्त कर इन्होंने सन् 1९२२ में राष्ट्रीय समाजवादी दल के लिये काम करना शुरू किया। सन् 1९२६ ई. में हिटलर ने इनको ग्रेट बर्लिन के दलसंगठन का काम सौंपा। फिर 1९२९ में इनको संपूर्ण दल के प्रचार का कार्य करना पड़ा। सन् 1९३३ ई. में दल के सत्तारूढ़ होने पर गोएबेल्स की नियुक्ति प्रचारमंत्री के पद पर की गई।
- जिस सूझ और लगन से इन्होंने प्रचार कार्य किया वह शासकीय इतिहास में अनन्य है। इनका सिद्धांत था कि झूठ को भी बार बार कहने से लोगों में उसके सच होने का विश्वास हो जाता है। कहा जाता है, बर्लिन पतन के पहले उन्होंने आत्महत्या कर ली।