"कुंती जनपद": अवतरणों में अंतर

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*अवंति जनपद के निकट स्थित एक प्राचीन जनपद का नाम कुंती था।  
*अवंति जनपद के निकट स्थित एक प्राचीन जनपद का नाम कुंती था।  
*सहदेव के दक्षिण दिग्विजय के प्रसंग में कुंती जनपद का उल्लेख हुआ है।  
*सहदेव के दक्षिण दिग्विजय के प्रसंग में कुंती जनपद का उल्लेख हुआ है।  

१३:१०, १८ मार्च २०१४ के समय का अवतरण

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  • अवंति जनपद के निकट स्थित एक प्राचीन जनपद का नाम कुंती था।
  • सहदेव के दक्षिण दिग्विजय के प्रसंग में कुंती जनपद का उल्लेख हुआ है।
  • तदनुसार यमुना और चंबल के काँठे में इसकी अवस्थिति जान पड़ती है।
  • कुंती की गणना पाँच बड़े जनपदों में होती थी।
  • पारिणनि ने कुंति सुराष्ट्र युग्म नाम का उल्लेख किया है।
  • प्रत्यक्षत: ये दोनों जनपद एक दूसरे से दूर थे।
  • पारिणनि ने इस युग्म का उल्लेख राजनीतिक आधार पर किया है।
  • कुंतिनरेश दंतवक्र को मारकर सुराष्ट्र (द्वारका) नरेश कृष्ण ने इसे अपने राज्य के अधीन कर लिया था।
  • पांडवमाता कुंती के पिता इसी जनपद के शासक थे।
  • समझा जाता है कि ग्वालियर जिले के अंतर्गत स्थित कोतवार नामक स्थान ही प्राचीन कुंती है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ