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चंगनाच्चेरि यह केरल राज्य के कोट्टयम जिले का तालुक है, जो जिले के पश्चिमी भाग में कोल्लम से ४० मील उत्तर में समुद्रतल से लगभग ३४५ फुट की ऊँचाई पर स्थित है। यह भाग केरल के पश्चिमी मैदान की पट्टी में पड़ता है, जो समुद्री तरंगों द्वारा जमाई हुई रेत के पुश्तों और नदियों द्वारा लाई हुई मिट्टी से बनी है। यहाँ लाल दोमट मिट्टी मिलती है। यहाँ की जनसंख्या ४२, ३७६, (१९६१) है। | चंगनाच्चेरि यह केरल राज्य के कोट्टयम जिले का तालुक है, जो जिले के पश्चिमी भाग में कोल्लम से ४० मील उत्तर में समुद्रतल से लगभग ३४५ फुट की ऊँचाई पर स्थित है। यह भाग केरल के पश्चिमी मैदान की पट्टी में पड़ता है, जो समुद्री तरंगों द्वारा जमाई हुई रेत के पुश्तों और नदियों द्वारा लाई हुई मिट्टी से बनी है। यहाँ लाल दोमट मिट्टी मिलती है। यहाँ की जनसंख्या ४२, ३७६, (१९६१) है। | ||
१४:१५, २२ मार्च २०१४ के समय का अवतरण
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चंगनाच्चेरि यह केरल राज्य के कोट्टयम जिले का तालुक है, जो जिले के पश्चिमी भाग में कोल्लम से ४० मील उत्तर में समुद्रतल से लगभग ३४५ फुट की ऊँचाई पर स्थित है। यह भाग केरल के पश्चिमी मैदान की पट्टी में पड़ता है, जो समुद्री तरंगों द्वारा जमाई हुई रेत के पुश्तों और नदियों द्वारा लाई हुई मिट्टी से बनी है। यहाँ लाल दोमट मिट्टी मिलती है। यहाँ की जनसंख्या ४२, ३७६, (१९६१) है।
अधिक वर्षा और समतल मैदान होने के कारण धान की खेती बहुत होती है। सुपाड़ी, नारियल, कालीमिर्च आदि भी बहुत उपजाई जाती हैं। धान कूटने, रस्सी और चटाई बनाने तथा मिट्टी के बरतन बनाने का काम यहां होता है। अलेप्पि बंदरगाह के समीप होने से इसका व्यापारिक महत्व भी है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ