"पीटर ज़ेमान": अवतरणों में अंतर
[अनिरीक्षित अवतरण] | [अनिरीक्षित अवतरण] |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "४" to "4") |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "५" to "5") |
||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
ज़ेमान, पीटर ( | ज़ेमान, पीटर (1८६5-1९43) डच भौतिक वैज्ञानिक थे। इनका जन्म हालैंड के ज़ोनेमी नगर में मई 25, सन् 1८६5 को हुआ। प्रांरभिक शिक्षा दीक्षा लाइडेन में हुई। वहीं पर क्रमश: भौतिक विज्ञान के सहायक एवं व्याख्याता पद पर सन् 1८९० से 1९०० तक कार्य किया। सन् 1९०० में इनकी नियुक्ति ऐम्स्टरडम विश्वविद्यालय में भौतिकी के प्रोफेसर के पद पर हुई। वहीं पर सन् 1८०८ में भौतिक संस्था के संचालक नियुक्त हुए। | ||
ज़ेमान प्रभाव के नाम से विख्यात, भौतिकी की महत्वपूर्ण खोज आपने सन् 1८९६ में की थी। चुंबकीय क्षेत्र में रखने पर परमाणु की अकेली स्प्रेक्ट्रमीय रेखा का अनेक रेखाओं में विभक्त हो जाना ज़ेमान प्रभाव कहलाता है। सर्वप्रथम इस खोज का सैद्धांतिक विश्लेषण लोरेंट्स (Lorentx) ने किया था। सूर्य एवं तारों में चुंबकीय क्षेत्र की प्रबलता इसी प्रभाव के द्वारा ज्योतिर्विदों ने मालूम की थी। | ज़ेमान प्रभाव के नाम से विख्यात, भौतिकी की महत्वपूर्ण खोज आपने सन् 1८९६ में की थी। चुंबकीय क्षेत्र में रखने पर परमाणु की अकेली स्प्रेक्ट्रमीय रेखा का अनेक रेखाओं में विभक्त हो जाना ज़ेमान प्रभाव कहलाता है। सर्वप्रथम इस खोज का सैद्धांतिक विश्लेषण लोरेंट्स (Lorentx) ने किया था। सूर्य एवं तारों में चुंबकीय क्षेत्र की प्रबलता इसी प्रभाव के द्वारा ज्योतिर्विदों ने मालूम की थी। |
०७:३७, १८ अगस्त २०११ का अवतरण
ज़ेमान, पीटर (1८६5-1९43) डच भौतिक वैज्ञानिक थे। इनका जन्म हालैंड के ज़ोनेमी नगर में मई 25, सन् 1८६5 को हुआ। प्रांरभिक शिक्षा दीक्षा लाइडेन में हुई। वहीं पर क्रमश: भौतिक विज्ञान के सहायक एवं व्याख्याता पद पर सन् 1८९० से 1९०० तक कार्य किया। सन् 1९०० में इनकी नियुक्ति ऐम्स्टरडम विश्वविद्यालय में भौतिकी के प्रोफेसर के पद पर हुई। वहीं पर सन् 1८०८ में भौतिक संस्था के संचालक नियुक्त हुए।
ज़ेमान प्रभाव के नाम से विख्यात, भौतिकी की महत्वपूर्ण खोज आपने सन् 1८९६ में की थी। चुंबकीय क्षेत्र में रखने पर परमाणु की अकेली स्प्रेक्ट्रमीय रेखा का अनेक रेखाओं में विभक्त हो जाना ज़ेमान प्रभाव कहलाता है। सर्वप्रथम इस खोज का सैद्धांतिक विश्लेषण लोरेंट्स (Lorentx) ने किया था। सूर्य एवं तारों में चुंबकीय क्षेत्र की प्रबलता इसी प्रभाव के द्वारा ज्योतिर्विदों ने मालूम की थी।
गतिमान ठोस माध्यमों में प्रकाश के वेग को भी ज़ेमान ने सफलतापूर्वक नापा था और इस दिशा में उन्होंने क्वार्ट्ज एवं फ्लिंट में फोटोग्राफी द्वारा महत्वपूर्ण प्रयोग किए थे।
ज़ेमान को अनेक पुरस्कार प्राप्त हुए। ये अनेक विज्ञान समितियों के से संबंधित थे। सन् 1९०2 में ज़ेमान तथा लोरेंट्स को भौतिकी में सम्मिलित नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। चुंबक-प्रकाशिकी विज्ञान पर आपने अनेक पुस्तके लिखीं है और इन महत्वपूर्ण पुस्तकों का अंग्रेजी एवं जर्मन भाषाओं में अनुवाद किया गया है।