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गैलियम एक रासायनिक तत्व, संकेत गै,Ga, परमाणु संख्या 31 तथा परमाणुभार | गैलियम एक रासायनिक तत्व, संकेत गै,Ga, परमाणु संख्या 31 तथा परमाणुभार 6९.८ है। यह अतिसूक्ष्म मात्रा में अन्य धातुओं के खनिजों, विशेषत: ज़िंकब्लेंड और बॉक्साइट, में पाया जाता है।<ref>1८७5 ई.</ref> में लकाक द ब्वाबोद्राँ (Lecoq de Boisbaudran) ने इस धातु का अविष्कार किया। तत्वों की आवर्तसारणी तैयार करने में मेंडेलिएफ (Mendeleeff) ने ऐल्यूमिनियम समूह के तत्वों में एक रिक्त स्थान पाया, जिसको उसने एका-ऐल्यूमिनियम (Eka-aluminium) नाम दिया। इसी रिक्त स्थान की पूर्ति गैलियम से हुई है। खनिजों से अम्लराज की क्रिया द्वारा क्लोराइड के रूप में गैलियम पृथक् किया जाता है। गैलियम लवणों के क्षारीय विलयन के विद्युद्विश्लेषण से गैलियम धातु प्राप्त होती है। | ||
गैलियम नीली आभावली, सफेद, कठोर धातु है। इसका आपेक्षिक घनत्व 5.९ है। पिघलने पर<ref>द्रवांक 2९. | गैलियम नीली आभावली, सफेद, कठोर धातु है। इसका आपेक्षिक घनत्व 5.९ है। पिघलने पर<ref>द्रवांक 2९.७6° सें.</ref> रजत सा सफेद द्रव प्राप्त होता है। अतिशीतलीकरण से सामान्य ताप पर भी द्रव रूप में मिलता है। अम्लों, जलीय दाहक पोटाश और अम्लराज में धातु घुल जाती है। इसके ऑक्साइड, हाइड्रॉक्साइड, क्लोराइड तथा सल्फेट ऐल्यूमिनियम के लवणों से बहुत मिलते जुलते हैं। इसके ऐलम भी बनते हैं। इसकी मिश्रधातुएँ बनी हैं और कुछ उपयोगी सिद्ध हुई हैं। | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== |
०७:३९, १८ अगस्त २०११ का अवतरण
गैलियम
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 4 |
पृष्ठ संख्या | 2 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
लेखक | जे. एफ. थार्प और एम.ए. ह्वाइटले |
संपादक | फूलदेव सहाय वर्मा |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
स्रोत | थॉर्प्स डिक्शनरी ऑफ ऐप्लाइड केमिस्ट्री; जे. आर. पारटिंगटन : टेक्स्ट बुक ऑफ इनऑर्गैनिक केमिस्ट्री, 1९5०। |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | विंध्य वासिनी प्रसाद |
गैलियम एक रासायनिक तत्व, संकेत गै,Ga, परमाणु संख्या 31 तथा परमाणुभार 6९.८ है। यह अतिसूक्ष्म मात्रा में अन्य धातुओं के खनिजों, विशेषत: ज़िंकब्लेंड और बॉक्साइट, में पाया जाता है।[१] में लकाक द ब्वाबोद्राँ (Lecoq de Boisbaudran) ने इस धातु का अविष्कार किया। तत्वों की आवर्तसारणी तैयार करने में मेंडेलिएफ (Mendeleeff) ने ऐल्यूमिनियम समूह के तत्वों में एक रिक्त स्थान पाया, जिसको उसने एका-ऐल्यूमिनियम (Eka-aluminium) नाम दिया। इसी रिक्त स्थान की पूर्ति गैलियम से हुई है। खनिजों से अम्लराज की क्रिया द्वारा क्लोराइड के रूप में गैलियम पृथक् किया जाता है। गैलियम लवणों के क्षारीय विलयन के विद्युद्विश्लेषण से गैलियम धातु प्राप्त होती है।
गैलियम नीली आभावली, सफेद, कठोर धातु है। इसका आपेक्षिक घनत्व 5.९ है। पिघलने पर[२] रजत सा सफेद द्रव प्राप्त होता है। अतिशीतलीकरण से सामान्य ताप पर भी द्रव रूप में मिलता है। अम्लों, जलीय दाहक पोटाश और अम्लराज में धातु घुल जाती है। इसके ऑक्साइड, हाइड्रॉक्साइड, क्लोराइड तथा सल्फेट ऐल्यूमिनियम के लवणों से बहुत मिलते जुलते हैं। इसके ऐलम भी बनते हैं। इसकी मिश्रधातुएँ बनी हैं और कुछ उपयोगी सिद्ध हुई हैं।