"जनक सीरध्वज" के अवतरणों में अंतर

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
छो (Adding category Category:रामायण (को हटा दिया गया हैं।))
छो (श्रेणी:इतिहास (को हटा दिया गया हैं।))
 
पंक्ति ६: पंक्ति ६:
  
 
[[Category:हिन्दी विश्वकोश]]
 
[[Category:हिन्दी विश्वकोश]]
[[Category:इतिहास]]
 
 
[[Category:राजवंश]]
 
[[Category:राजवंश]]
 
[[Category:रामायण]]
 
[[Category:रामायण]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

१०:२१, २७ जुलाई २०१५ के समय का अवतरण

जनक, सीरध्वज मिथिला प्रांत में जनक नाम का एक अत्यंत प्राचीन तथा प्रसिद्ध राजवंश था जिसके मूल पुरुष कोई जनक थे। जनक के पुत्र उदावयु पौत्र नंदिवर्धन्‌ और कई पीढ़ी पश्चात्‌ ह्रस्वरोमा हुए। ह्रस्वरोमा के दो पुत्रसीरध्वज तथा कुशध्वज हुए। यही सीरध्वज जनक सीरध्वज के नाम से प्रसिद्ध हैं, क्योंकि जनक नाम से अनेक और व्यक्ति हुए हैं। (दे. जनक विदेह) सीरध्वज की दो कन्याएँ सीता तथा उर्मिला हुईं जिनका विवाह राम तथा लक्ष्मण से हुआ। कुशध्वज की कन्याएँ मांडवी तथा श्रुतिकीर्ति हुईं जिनके व्याह भरत तथा शत्रुघ्न से हुए। श्रीमद्भागवत में दी हुई जनकवंश की सूची कुछ भिन्न है, परंतु सीरध्वज के योगिराज होने में सभी ग्रंथ एकमत हैं। इनके अनेक ना विदेह अथवा वैदेह तथा मिथिलेश आदि हैं। मिथिला राज्य तथा नगरी इनके पूर्वज निमि के नाम पर प्रसिद्ध हुए।


टीका टिप्पणी और संदर्भ