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==नगर==
==नगर==
'''स्थिति''' : 20° 57' उत्तरी अक्षांश तथा 72° 56' पूर्वी देशांतर। नवसारी भारत के गुजरात राज्य के सूरत जिले में पूर्णा नदी पर सूरत से 17 मील दक्षिण-दक्षिण पूर्व में स्थित प्रसिद्ध नगर है।  
'''स्थिति''' : 20° 57' उत्तरी अक्षांश तथा 72° 56' पूर्वी देशांतर। नवसारी [[भारत]] के [[गुजरात]] राज्य के [[सूरत]] जिले में पूर्णा नदी पर सूरत से 17 मील दक्षिण-दक्षिण पूर्व में स्थित प्रसिद्ध नगर है।  
==व्यवसाय==
==व्यवसाय==
यहाँ पर कपास, ज्वार, बाजरा तथा इमारती लकड़ी का व्यापार होता है। सूती और रेशमी वस्त्रों के कुटीर तथा भारी उद्योग हैं। लकड़ी पर खुदाई करके कलात्मक वस्तुएँ बनाई जाती हैं। पीतल एवं ताँबे के बरतन तथा सामान, चमड़े के समान, तेल इंजिन, फिरकी ''(bobbins)'', साबुन, इत्र, तथा धातु की वस्तुएँ भी यहाँ बनाई जाती हैं।  
यहाँ पर [[कपास]], [[ज्वार]], बाजरा तथा इमारती लकड़ी का व्यापार होता है। सूती और रेशमी वस्त्रों के कुटीर तथा भारी उद्योग हैं। लकड़ी पर खुदाई करके कलात्मक वस्तुएँ बनाई जाती हैं। पीतल एवं ताँबे के बरतन तथा सामान, चमड़े के समान, तेल इंजिन, फिरकी ''(bobbins)'', साबुन, इत्र, तथा धातु की वस्तुएँ भी यहाँ बनाई जाती हैं।  


भारतीय पारसियों का यह केंद्र है, उनका एक कालेज भी यहाँ है। पहले यह बड़ोदा राज्य में था, किंतु सन्‌ 1949 में राज्य के विलय के बाद इसे सूरत जिले में मिला दिया गया।
[[भारतीय]] [[पारसी|पारसियों]] का यह केंद्र है, उनका एक कालेज भी यहाँ है। पहले यह बड़ोदा राज्य में था, किंतु सन्‌ 1949 में राज्य के विलय के बाद इसे सूरत जिले में मिला दिया गया।


   
   

१०:४०, ५ अगस्त २०१५ के समय का अवतरण

नगर

स्थिति : 20° 57' उत्तरी अक्षांश तथा 72° 56' पूर्वी देशांतर। नवसारी भारत के गुजरात राज्य के सूरत जिले में पूर्णा नदी पर सूरत से 17 मील दक्षिण-दक्षिण पूर्व में स्थित प्रसिद्ध नगर है।

व्यवसाय

यहाँ पर कपास, ज्वार, बाजरा तथा इमारती लकड़ी का व्यापार होता है। सूती और रेशमी वस्त्रों के कुटीर तथा भारी उद्योग हैं। लकड़ी पर खुदाई करके कलात्मक वस्तुएँ बनाई जाती हैं। पीतल एवं ताँबे के बरतन तथा सामान, चमड़े के समान, तेल इंजिन, फिरकी (bobbins), साबुन, इत्र, तथा धातु की वस्तुएँ भी यहाँ बनाई जाती हैं।

भारतीय पारसियों का यह केंद्र है, उनका एक कालेज भी यहाँ है। पहले यह बड़ोदा राज्य में था, किंतु सन्‌ 1949 में राज्य के विलय के बाद इसे सूरत जिले में मिला दिया गया।



टीका टिप्पणी और संदर्भ