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''' | '''सर आर्थर बेरीडेल कीथ''' (1889-1944 ई.)। संस्कृत वाड़्मय विशेषत: वैदिक साहित्य, के अंग्रेज विद्वान। इनके अंग्रेजी में लिखे तिद्वषयक ग्रंथ प्रख्यात एवं प्रामाणिक माने जाते हैं। ये आक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय में मेकडॉनेल्ड के पश्चात् संस्कृत के प्राध्यापक पद पर नियुक्त हुए थे। बाद में वे एडिनबरा विश्वविद्यालय में अध्यापक हुए। शिष्यत्वकाल में उन्होंने वैदिक इंडेक्स नामक प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना में मेकडॉनेल्ड का सहयोग किया। इस ग्रंथ में वेदों के सभी विशिष्ट शब्दों तथा विषयों की वैज्ञानिक व्याख्या की गई है। उन्होंने तैत्तिरीय संहिता, ऐतरेय ब्राह्मण तथा आरण्यक आदि अनेक ग्रंथों का कुशल संपादन भी किया। इनके अतिरिक्त संस्कृत काव्य, नाटक, तत्वज्ञान तथा इतिहास पर भी उनके लिखे हुए ग्रंथ महत्वपूर्ण हैं। संविधान तथा प्रशासन से संबंधित समस्याओं पर भी उन्होंने पांडित्यपूर्ण तथा प्रामाणिक ग्रंथ लिखे जो अपनी दिशा में प्रामाणिक माने जाते हैं। | ||
११:०५, ७ जनवरी २०१७ का अवतरण
सर श्रार्थर बेरीडेल कीथ
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 41 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | विजयेंद्र कुमार माथुर |
सर आर्थर बेरीडेल कीथ (1889-1944 ई.)। संस्कृत वाड़्मय विशेषत: वैदिक साहित्य, के अंग्रेज विद्वान। इनके अंग्रेजी में लिखे तिद्वषयक ग्रंथ प्रख्यात एवं प्रामाणिक माने जाते हैं। ये आक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय में मेकडॉनेल्ड के पश्चात् संस्कृत के प्राध्यापक पद पर नियुक्त हुए थे। बाद में वे एडिनबरा विश्वविद्यालय में अध्यापक हुए। शिष्यत्वकाल में उन्होंने वैदिक इंडेक्स नामक प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना में मेकडॉनेल्ड का सहयोग किया। इस ग्रंथ में वेदों के सभी विशिष्ट शब्दों तथा विषयों की वैज्ञानिक व्याख्या की गई है। उन्होंने तैत्तिरीय संहिता, ऐतरेय ब्राह्मण तथा आरण्यक आदि अनेक ग्रंथों का कुशल संपादन भी किया। इनके अतिरिक्त संस्कृत काव्य, नाटक, तत्वज्ञान तथा इतिहास पर भी उनके लिखे हुए ग्रंथ महत्वपूर्ण हैं। संविधान तथा प्रशासन से संबंधित समस्याओं पर भी उन्होंने पांडित्यपूर्ण तथा प्रामाणिक ग्रंथ लिखे जो अपनी दिशा में प्रामाणिक माने जाते हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ