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अरिकेसरी मारवर्मन
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 234 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | श्री ओंमकारनाथ उपाध्याय |
अरिकेसरी मारवर्मन् मदुरा के पांड्यों की शक्ति प्रतिष्ठित करने वाले प्रारंभिक राजाओं में प्रधान। लगभग 7वीं सदी ई. के मध्य हुआ। उसकी ख्याति पांड्य अनुश्रुतियों में पर्याप्त है और उनका नेडुमरन् अथवा कुन पांड्य संभवत: वही है। पहले वह जैन था पर बाद में संत तिरुज्ञानसंबंदर के उपदेश से परम शैव हो गया। उसके शासनकाल में पांड्यों का पर्याप्त उत्कर्ष हुआ।
टीका टिप्पणी और संदर्भ