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अलेक्जैंडर द्वीपसमूह
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 259 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | श्री विभामुखर्जी |
अलेक्जैंडर द्वीपसमूह संयुक्त राज्य अमरीका के अधीन अलास्का राज्य के दक्षिणी पश्चिमी समुद्रतट के सन्निकट अ. 54° 40¢ उ. से 58° 30¢ उ. में स्थित है। विद्वानों का कहना है कि ये द्वीप निमज्जित पहाड़ियों की अवशिष्ट चोटियाँ हैं जो समुद्रतल से 3,000 फुट से लेकर 5,000 फुट की ऊँचाई तक उठ गई हैं। इनका ऊपरी भाग घने जंगलों से आवृत है और सीधे खड़े किनारों पर हिमनद की क्रियाओं के स्पष्ट चिह्न दिखाई देते हैं।
अलेक्जैंडर द्वीपपुंज के अंतर्गत लगभग 1,100 छोटे बड़े द्वीप हैं जो आपस में एक जाल सा बनाते हैं और उपकूल के निकट 13,000 वर्गमील के क्षेत्र में फैला हुआ है। इनका वृत्ताकार घेरा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व तक फैला हुआ है। इनमें क्रमश: शिकागोफ, बारानोकू, ऐडमिरैल्टी, कुपरिनोफ, कुईनं, प्रिंस ऑव वेल्स, इटोलिन तथा रेविलाजिगेडो प्रधान हैं। प्रिंस ऑव वेल्स इनमें से सबसे बड़ा द्वीप है जो 140 मील लंबा तथा 40 मील चौड़ा है। बारनोफ़ के पश्चिमी तट पर इसकी पुरानी राजधानी सिटका स्थित है। द्वीपों द्वारा बनी हुई खाड़ी प्रशांत महासागर के तूफानों से मुक्त है; इस कारण यह खाड़ी उपयोगी जलपोत पथ है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ