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०६:३३, ७ जून २०१८ के समय का अवतरण
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अल्बुला गिरिपथ
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 268 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | श्रीमती विभा मुखर्जी |
अल्बुला स्विट्जरलैंड के ग्रिसन नामक पहाड़ी भाग का एक प्रसिद्ध गिरिपथ है। उत्तर से एनगाडाइन नदी के उत्तरी भाग में पहुँचने के लिए यही मुख्य मार्ग है। इसके उच्चतम भाग की ऊँचाई समुद्रतल से 7,515 फुट है। इस कारण पहले 7,504 फुट पर स्थित जूलियर गिरिपथ अधिक सुगम तथा सरल पड़ता था और उसका महत्व बहुत दिनों तक अल्बुला गिरिपथ से अधिक था। 13वीं शताब्दी से ही अब्बुला गिरिपथ चालू हो गया था, परंतु 1865 ई. में इसमें घोड़ागाड़ी जाने के लिए रास्ता बनाया गया और 1903 ई. में इसमें रेलमार्ग बना। तब इसका महत्व कई गुना बढ़ गया। इस गिरिपथ द्वारा राईन तथा हिंटर राईन उपत्यकाओं की सबसे सीधी सड़क बन गई है।
अल्बुला गिरिपथ के भीतर से जानेवाला रेलपथ कोयर नगर से रोचिनाऊ नगर तक राइन नदी के साथ-साथ चलता है और फिर हिटर राइन से होते हुए थूसिस तक पहुँचता है। इसके बाद शिन खड्ड के अंदर यह अल्बुला नामक पहाड़ी नदी को काटता हुआ टिफेन कास्टेल तक आता है। इस जगह से दक्षिण की ओर जूलियर पथ को छोड़कर अल्बुला नदी के साथ चलना शुरू करता है तथा आगे चलकर एक सुरंग से गुजरता है जिसका प्रवेशपथ 5,879 फुट पर और सर्वोच्च भाग 5,987 फुट पर स्थित है। यह सुरंग गिरिपथ के ठीक नीचे काटी गई है। रेलमार्ग इसके अंदर से निकलकर बीवर घाटी पर पहुँचता है तथा एनगाडाइन नदी की घाटी के ऊपरी भाग पर उतर आता है। इस गिरिपथ के कारण सेंट मोरीट्स से कोयर का रास्ता छोटा होकर केवल 56 मील का रह गया।
टीका टिप्पणी और संदर्भ