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आंडीजान
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 327 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | डॉ. शिवमंगल सिंह |
आंडीजान आंडीजान सोवियत मध्यएशिया में स्थित, उज़बेक सोवियत-समाजवादी-प्रजातंत्र का एक विभाग है, जो फरगाना घाटी के पूर्व में स्थित है। इसके अधिकांश में सिंचाई द्वारा रूई, रेशम तथा फलों की खेती होती है। द्वितीय विश्वयुद्ध में यहाँ पर खनिज तेल की खानों का पता लगाया गया और तब से यह उजबेकिस्तान का प्रमुख तेल एवं गैस उत्पादक केंद्र बन गया।
आंडीजान नामक एक नगर भी है जो आंडीजान विभाग की राजधानी तथा प्रमुख नगर है। यहाँ के उद्योग धंधों में रुई की मिलें, तेल की मिलें, फल तथा तत्संबंधी उद्योग और मशीन तथा ट्रैक्टर बनाने के कारखाने प्रमुख हैं। यह द्वितीय रेणी का रेलवे स्टेशन है और नवीं शताब्दी से ही प्रसिद्ध नगर रहा है। पहले यह कोकंद के खाँ लोगों के अधीन था, परंतु 1875 में रूस में मिला लिया गया। यहाँ पर भूचाल बहुत आते थे, जिनमें से अंतिम 1902 ई. में आया था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ