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आरेलैस
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 425 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | नृपेंद्र कुमार सिंह |
आरेलैस दक्षिण पूर्व फ्राँस का शहर तथा बूश-दु रोन जिला की राजधानी है। रेल से यह मार्सेई से 54 मील उत्तर पश्चिम में पड़ता है। यह नगर नहर द्वारा बंदरगाह से मिला हुआ है तथा लियोंमार्सेई रेलमार्ग पर पड़ता है। जूलियस सीज़र के काल में यह आरलेट के नाम से प्रसिद्ध था। 10वीं शताब्दी में यह आर्ले राज्य की राजधानी बना। 12वीं शताब्दी तक यह एक सुंदर नगर बन गया। यहाँ की सड़के सँंकरी तथा टेढ़ी-मेढ़ी हैं। नगर के केंद्र में होटेल-डि-ला-विये है जहाँ पुस्तकालय, संग्रहालय तथा एक प्राचीन गॉथिक गिरजाघर है। यह एक चूने के पत्थर के पहाड़ पर स्थित है। इस नगर का कोई व्यावसायिक महत्व नहीं है। यहाँ का मुख्य उद्योग रेशम का कपड़ा, मदिरा, जैतून का तेल इत्यादि बनाना है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ