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लेख सूचना
आरेस
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 425
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक भोलानाथ शर्मा

आरेस ज्यूस और हेरा के पुत्र; यूनानियों में युद्ध के देवता माने जाते थे। ये युद्ध की भावना अथवा आवेश के प्रतीक थे तथा इनको युद्धों को भड़काने में आनंद आता था। युद्ध छिड़ जाने पर वे कभी एक पक्ष और कभी दूसरे को ग्रहण कर लेते थे; पर प्राय: विदेशियों अथवा लड़ाकू लोगों का साथ देते थे। वे सर्वदा विजयी रहे हों, ऐसा नहीं है; उनको दो बार अथीनो ने पराजित किया था और एक बार तो उनको 13 मास तक बंदी रहना पड़ा। अनेक स्त्रियों से इनके बहुत सी संतानें हुई थीं। अस्कलाफस्‌, दियोमेदेस्‌, किक्नस्‌, मेलेयागर्‌ और फ्लेगियास्‌ इनके पुत्र एवं हार्मोनिया और अल्किप्पे इनकी पुत्रियां थी। पोसेइदन्‌ के पुत्र हालिरोंथियस्‌ ने अल्किप्पे के साथ बलात्कार किया तो आरेस ने उनकी हत्या कर दी। इस कारण इनपर हत्या का अभियोग चला जिसमें इनको अपराधमुक्त घोषित किया गया। जिस न्यायालय में यह अभियोग चलाया गया था वह ओरथोपागस्‌ कहलाया। आरेस की पूजा ग्रीस देश के उत्तर और पश्चिम की जातियों में अधिक प्रचलित थी। इनकी पूजा में स्त्रियां अधिक भाग लेती थीं। यह काई उच्च आचरणवाले देवता नहीं थे। इनके स्त्रियों, विशेषकर अफ्रोदीती के साथ इनका अवैध प्रेम था। इनके लिए कुत्तों की वलि दी जाती थी। इनका रोमन नाम मार्स है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ