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ऐर्नाकुलम
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 247 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | काशीनाथ सिंह |
ऐर्नाकुलम नवीन केरल राज्य में एर्नाकुलम जिले का प्रमुख नगर है (स्थिति 9रू 59व् उ.अ. एवं 76रू 17व् पू. दे.)। पहले यहाँ कोचीन राज्य की राजधानी थी और यह त्रिचूर जिले का भाग था। यह कोचीन से दो मील पूर्व पृष्ठानुवर्ती पश्चजल (बैक वाटर) पर स्थित है। यह कोचीन रेलवे का, जो पालघाट होकर आती है, अंतिम स्टेशन (टर्मिनस) भी है। यहाँ की जनसंख्या 1901 ई. में केवल 21,901 थीं, किंतु 1951 ई. में बढ़कर 62,283 हो गई। 1961 ई. में यहाँ की जनसंख्या 1,17,253 थी। यहाँ के लगभग 40 प्रतिशत निवासी उद्योग एवं व्यापार से 40 प्रतिशत अन्य सेवाओं एवं विविध साधनों से और शेष खेती आदि से जीविकोपार्जन करते हैं। इस नगर का व्यापार मुख्यतया कोंकण जाति एवं यहूदियों के हाथ में है। यह नगर तीव्र गति से प्रगति कर रहा है। यहाँ सरकारी प्रेस एवं महाराजा कालेज, ला कालेज आदि शिक्षा के केंद्र हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ