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ऐल्यूमिना
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 284 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | कैंडनाक जान डामनिक |
ऐल्यूमिना ऐल्यूमिनियम का आक्साइड है; प्राकृतिक अवस्था में यह कोरंडम, माणिक्य, नीलम, बिल्लौर, पन्ना तथा दूसरे रत्नों के रूप में पाया जाता है। ये रत्न मणिभीय और पारदर्शक होते हैं। अन्य धातुओं के आक्साइडों की उपस्थति के कारण ही ये रत्न रंगीन हो जाते हैं। रत्नों में ये आक्साइड कलिलीय अवस्था में आलंबित रहते हैं। माणिक्य में थोड़ी मात्रा में क्रोमियम का आक्साइड, नीलम में क्रोमियम या लौह का आक्साइड और बिल्लौर में मैंगनीज़ रहता है। बृहत मात्रा में यह खनिज बौक्साइट के रूप में पाया जाता है, जो ऐल्यूमिनियम का जलीय आक्साइड Al2O3.H2Oहै।
प्रयोगशाला में या औद्योगिक रूप में निर्माण करने पर ऐल्यूमिना एक श्वेत अघुलनीय चूर्ण के रूप में मिलता है। यह कृत्रिम रत्न, ऐलंडम घरिया (क्रूसिब्ल) और घर्षक पदार्थ बनाने के काम आता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ