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०९:४४, २० जुलाई २०१८ के समय का अवतरण
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ओद्रक
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 298 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | ओंकारानाथ उपाध्याय |
ओद्रक प्रसिद्ध शुंगवंश का पाँचवाँ राजा। इसका दूसरा नाम पुराणों में आद्रक भी मिलता है। उसके अनुसार उसने केवल दो वर्ष राज किया। संभवत: इसका एक और नाम काशीपुत्र भागभद्र भी था। इस नाम के साथ ओद्रक का एकीकरण संदेह से खाली नहीं है। तक्षशिला के ग्रीक राजा अंतलिकिद ने दियपुत्र हेलियोदोरस को अपना राजदूत बनाकर मगध भेजा था। वह दूत वैष्णव था और उसने विष्णु के नाम पर बेसनगर (मध्य प्रदेश) में एक स्तंभ खड़ा कराया। उसपर उत्कीर्ण लेख में मगधराज काशीपुत्र भागभद्र का उल्लेख है, जो ओद्रक अथवा भागवत दोनों में से कोई हो सकता है। संभवत: ओद्रक ने 123 ई.पू. के लगभग राज किया।
टीका टिप्पणी और संदर्भ