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१०:००, २० जुलाई २०१८ के समय का अवतरण
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ओनेस
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 299 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | विंध्वावासिनी प्रसाद |
ओनेस हेक केमरलिंग (1853-1926 ई.) लाइडेन (नेदरलैंड्स) के वैज्ञानिक थे। प्रसिद्ध क्रायोजेनिक प्रयोगशाला में अति निम्नताप पर उन्होंने शोधकार्य आरंभ किया और हीलियम गैस को द्रव में परिणत करने में उन्हें सफलता मिली। तदनंतर हीलियम द्रव को ठोस में रूपांतरित करने का भी उन्होंने प्रयत्न किया परंतु असफल रहे। इस कार्य को उसी प्रयोगशाला में दूसरे वैज्ञानिक कीसम ने पूरा किया। ओनेस अनुमानत: 0.9 डिग्री परम ताप तक पहुँचने में भी सफल हुए। वे बहुत ही सरल स्वभाव के तथा नवयुवकों को प्रोत्साहित करनेवाले वैज्ञानिक थे। उनको 1912 ई में रमफ़ोर्ड मेडल तथा सन् 1913 में नोबेल पुरस्कार मिला।
वैज्ञानिक उपकरण बनानेवाले प्रशिक्षित युवकों को वे अधिक प्रोत्साहन देते थे। वहाँ के सीखे हुए लोग दूसरी प्रयोगशालाओं में भी बहुत ही मूल्यवान् समझे जाते थे।[१]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सं.ग्रं.–ई. कोहेन : जर्नल ऑव केमिकल सोसायटी (1927); एच.एम.स्मिथ टाँर्च बेअरर्स ऑव केमिस्ट्री।