"जूज़ वान क्लीव": अवतरणों में अंतर
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*जूज़ वान क्लीव एक फ्लेमिश चित्रकार था। जूज़ वान क्लीव का पूरा नाम जूज़वान डेर वीक वान क्लीव था। | *जूज़ वान क्लीव एक फ्लेमिश चित्रकार था। जूज़ वान क्लीव का पूरा नाम जूज़वान डेर वीक वान क्लीव था। | ||
*प्रारंभ से ही धार्मिक प्रसंगों और पौराणिक कथाख्यानों को लेकर कलासाधना में प्रवृत्त हुआ। | *प्रारंभ से ही धार्मिक प्रसंगों और पौराणिक कथाख्यानों को लेकर कलासाधना में प्रवृत्त हुआ। | ||
*उसकी सर्वप्रथम कलाकृति आदम और ईव का पंखदार चित्र है। देवी मरियम के जीवनप्रसंगों और दृश्यांकनों पर 'वर्जिन' तथा अन्य कतिपय कलाकृतियाँ उसने निर्मित कीं। | *उसकी सर्वप्रथम कलाकृति आदम और ईव का पंखदार चित्र है। देवी मरियम के जीवनप्रसंगों और दृश्यांकनों पर 'वर्जिन' तथा अन्य कतिपय कलाकृतियाँ उसने निर्मित कीं। | ||
*सन् | *सन् 1520 में एंटवर्प में वह अपनी गिल्ड का डीन नियुक्त हुआ। इसी दौरान डय्यूरर इस नगर में भ्रमणार्थ आया था जूज़ उससे इतना प्रभावित हुआ कि इस महान् जर्मन कलाकार के 'सेंट जेरोम' नामक सुप्रसिद्ध चित्र की अनुकृति उसने प्रस्तुत की। | ||
*उसे अन्य कलाकारों से भी सदैव आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। पेरिस कला संग्रहालय में सुरक्षित 'वर्जिन' में वाव आइक से, फिलडेल्फिया के जान्सन संग्रहालय में 'राज्यच्युत' में रोगर वान डेर वेडेन से विशेष प्रभावित हुआ। | *उसे अन्य कलाकारों से भी सदैव आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। पेरिस कला संग्रहालय में सुरक्षित 'वर्जिन' में वाव आइक से, फिलडेल्फिया के जान्सन संग्रहालय में 'राज्यच्युत' में रोगर वान डेर वेडेन से विशेष प्रभावित हुआ। | ||
*सुप्रसिद्ध इतावली कलाकार लियानादों दा विंची की विलक्षण निर्माण-पद्धति, सुष्ठु व्यंजना और रंग-नियोजन से वह इतना अधिक आकृष्ट हुआ कि बहुत दिनों तक उसी के चरण-चिह्नों पर चलता रहा। | *सुप्रसिद्ध इतावली कलाकार लियानादों दा विंची की विलक्षण निर्माण-पद्धति, सुष्ठु व्यंजना और रंग-नियोजन से वह इतना अधिक आकृष्ट हुआ कि बहुत दिनों तक उसी के चरण-चिह्नों पर चलता रहा। |
१२:०१, १८ अगस्त २०११ का अवतरण
- जूज़ वान क्लीव (1480-1540)
- जूज़ वान क्लीव एक फ्लेमिश चित्रकार था। जूज़ वान क्लीव का पूरा नाम जूज़वान डेर वीक वान क्लीव था।
- प्रारंभ से ही धार्मिक प्रसंगों और पौराणिक कथाख्यानों को लेकर कलासाधना में प्रवृत्त हुआ।
- उसकी सर्वप्रथम कलाकृति आदम और ईव का पंखदार चित्र है। देवी मरियम के जीवनप्रसंगों और दृश्यांकनों पर 'वर्जिन' तथा अन्य कतिपय कलाकृतियाँ उसने निर्मित कीं।
- सन् 1520 में एंटवर्प में वह अपनी गिल्ड का डीन नियुक्त हुआ। इसी दौरान डय्यूरर इस नगर में भ्रमणार्थ आया था जूज़ उससे इतना प्रभावित हुआ कि इस महान् जर्मन कलाकार के 'सेंट जेरोम' नामक सुप्रसिद्ध चित्र की अनुकृति उसने प्रस्तुत की।
- उसे अन्य कलाकारों से भी सदैव आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। पेरिस कला संग्रहालय में सुरक्षित 'वर्जिन' में वाव आइक से, फिलडेल्फिया के जान्सन संग्रहालय में 'राज्यच्युत' में रोगर वान डेर वेडेन से विशेष प्रभावित हुआ।
- सुप्रसिद्ध इतावली कलाकार लियानादों दा विंची की विलक्षण निर्माण-पद्धति, सुष्ठु व्यंजना और रंग-नियोजन से वह इतना अधिक आकृष्ट हुआ कि बहुत दिनों तक उसी के चरण-चिह्नों पर चलता रहा।
- वह न केवल कुशल रंगशिल्पी था, अपितु एक महान् 'पोट्रेट' चित्रकार भी था। उसने अनेक सुदंर छवि चित्रों का निर्माण किया। लावेर और जेनोआ के गिर्जाघरों में 'पियता' और अन्य कितने ही सुन्दर चित्रांकन प्रस्तुत किए।
- बोस्टन की गार्डनर गैलरी में और नेपल्स म्यूज़ियम में 'ईसा की सूली'दृश्य पर उसके दो चित्र उपलब्ध हैं। मेदौना की अनेक सुंदर भंगिमाएँ-जिनमें सुंदर मुखाकृति, शरीर के अंग और अवयवों के उभार आदि दर्शाए गए हैं-बड़ी खूबी से आँके गए हैं।
- पृष्ठभूमि में प्राकृतिक दृश्य-चित्रण और उसके विराट रूप के साथ ललित सौंदर्य का अद्भूत समन्वय है। आगे चलकर जूज़ का पुत्र भी एक प्रसिद्ध 'पोट्रेट' चित्रकार हुआ।