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*इसी के नाम पर भारत एवं लंका के बीच के जलविस्तार को कन्याकुमारी जलडमरूमध्य कहते हैं। | *इसी के नाम पर भारत एवं लंका के बीच के जलविस्तार को कन्याकुमारी जलडमरूमध्य कहते हैं। | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== |
१०:५३, २५ अगस्त २०११ का अवतरण
कन्याकुमारी
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 395 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1975 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | रामवृक्ष सिंह |
- कन्याकुमारी मद्रास राज्य के सुदूर दक्षिण में भारत का एक पवित्र तीर्थस्थल है।
- यह भारतीय प्रायद्वीप के अंतिम बिंदु पर स्थित है।
- यहीं से पश्चिमी घाट के पहाड़ उत्तर की ओर फैले हुए हैं।
- समुद्रतट पर पश्चिमी घाट पर्वत की अंतिम नोक पर कन्यांभल देवी का मंदिर है।
- इसके बंदरगाह न होने के कारण यहाँ केवल छोटी नावें चलती हैं।
- इसी के नाम पर भारत एवं लंका के बीच के जलविस्तार को कन्याकुमारी जलडमरूमध्य कहते हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ