"टर्कमेनिस्तान": अवतरणों में अंतर
| [अनिरीक्षित अवतरण] | [अनिरीक्षित अवतरण] |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) छो (श्रेणी:नया पन्ना; Adding category Category:तुर्कमेनिस्तान (को हटा दिया गया हैं।)) |
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) छो (Adding category Category:एशिया (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
| पंक्ति ३८: | पंक्ति ३८: | ||
[[Category:हिन्दी_विश्वकोश]] | [[Category:हिन्दी_विश्वकोश]] | ||
[[Category:तुर्कमेनिस्तान]] | [[Category:तुर्कमेनिस्तान]] | ||
[[Category:एशिया]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
१५:०३, ३ सितम्बर २०११ के समय का अवतरण
टर्कमेनिस्तान
| |
| पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 5 |
| पृष्ठ संख्या | 128 |
| भाषा | हिन्दी देवनागरी |
| संपादक | फूलदेव सहाय वर्मा |
| प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
| मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
| संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
| उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
| कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
| लेख सम्पादक | शांतिलाल कायस्थ |
टर्कमेन गणतंत्र या टर्कमेनिस्तान (तुर्कमान गणतंत्र या तुर्कमानिस्तान) ये पूर्व सोवियट सोशलिस्ट गणतंत्र (यू. एस. एस. आर.) का एक राज्य था। इसका संगठन २७ अक्टूबर, १९२४ ई. को हुआ था। इसका क्षेत्रफल ४,८८,००० वर्ग किलोमीटर और इसके उत्तर में कजाकिस्तान और उजबेकिस्तान, दक्षिण में अफगानिस्तान तथा ईरान, पश्चिम में कैस्पियन सागर और पूर्व में आमू नदी है।
- जलवायु
टर्कमेनिस्तान में गर्मी अधिक और वर्षा कम होती है। इस राज्य का तीन चौथाई भाग काराकूम नामक मरुभूमि है, जो संसार के बृहत्तम मरुस्थलों में से एक है। इस मरुस्थली में केवल कठोर काँटेदार घासें तथा यंत्र तत्र सेकसाल (Saksaul, Anabasis ammodendron) के पेड़ भी उगते हैं। इन्हीं पर कराकुल भेड़ें और ऊँट जीवननिर्वाह करते हैं। टर्कमेनिस्तान में सवारी के अच्छे घोड़े भी पाले जाते हैं। टर्कमेंन लोग पहले घुमक्कड़ थे, पर अब गाँवों में रहते हें। पशुपालन व्यवसाय अब सुव्यवस्थित रूप से होता है। कृषिकर्म भी प्रारंभ हो चुका है। यहाँ लोग प्राय: सिंचित मरूद्यानों (oasis) में ही रहते हैं, जहाँ कपास मुख्य कृषि उत्पाद है। किशमिश और खरबूजा भी यहाँ का प्रसिद्ध उत्पाद है।
- काराकूम नहर
काराकूम नहर का निर्माण हो रहा है जिसका ४०० किलोमीटर भाग पूरा हो चुका है। यह गलीचे के लिए भी प्रख्यात है। इसके पश्चिम भाम में नेबित डांग और चेलकेन जलडमरूमध्य में मिट्टी का तेल निकालना प्रारंभ हो चुका है। काराकूम मरूस्थल में गंधक का कारखाना प्रारंभ किया गया है। सप्तवर्षीय योजना के अंतर्गत यहाँ मिट्टी के तेल, प्राकृतिक गैस, रसायनक एवं अन्य उद्योगों के विकास का लक्ष्य रखा गया है। यहाँ के कपास, फल, रेशम अस्त्राखानी समूर, ऊन, चमड़े, गलीचे, मिट्टी का तेल और गंधक का निर्यात होता है तथा बने हुए सामान, अनाज, कोयला और इमारती लकड़ी का आयात होता है।
- राजधानी
टर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्खाबाद है, यह मरुभूमि छोर पर कोपेट दाग पहाड़ के निकट स्थित है। १९४८ ई० के भूकंप में अश्खाबाद ध्वस्त हो गया था। १९५० ई. में इसका पुनर्निर्माण हुआ १९५१ ई. में यहाँ एक विश्वविद्यालय की स्थापना हुई और विज्ञान अकादमी का संगठन हुआ।
टीका टिप्पणी और संदर्भ