अहग्गार पठार
अहग्गार पठार
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 317 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | श्री नन्हेंलाल |
अहग्गार पठार अफ्रीका के सहारा मरुस्थल के मध्य भाग में उत्तर पश्चिम से दक्षिणपूर्व को कर्णवत् फैला हुआ है। यह[१] चट्टानों से बना हुआ है। यहाँ ज्वालामुखीय उत्पत्ति की कई चोटियाँ हैं जिनकी ऊँचाई 8,000 फुट से अधिक नहीं है। ये चोटियाँ समय-समय पर बर्फ से ढक जाती हैं। यहाँ की जलवायु ठंडी है तथा तुषार भी पर्याप्त पड़ता है। यहाँ की मुख्य वनस्पति एक प्रकार का बबूल[२] है। यहाँ के निवासी टारेग जाति के हैं। ये चरागाहों में अपने पशु चराते तथा बंजारों का जीवन व्यतीत करते हैं।