उबांगी नदी
चित्र:Tranfer-icon.png | यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें |
उबांगी नदी
| |
पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 126 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | श्यामसुंदर शर्मा |
उबांगी अथवा मोबांगी विषुवत् रेखीय अफ्रीका में बहनेवाली कांगो की सहायक नदी है। इसकी अधिकतम लंबाई 1400 मील है। यह कई धाराओं में 0° 22' द.अ. और 17° 40' एवं 17° 50' पू.दे. के भीतर कांगों में मिलती है। बोमू तथा यले नामक नदियों के मिलने से उबांगी बनती है। आगे चलकर कूमा नदी उबांगी में आकर मिलती है। संगम से नीचे दक्षिण की ओर उबांगी में एक बड़ा घुमावदार मोड़ है, उसके बाद जहाँ नदी पर्वतों के मध्य से होकर निकलती है वहाँ जोंगो या ग्रेनफेल नामक लघु जलप्रपात (रैपिड्स) हैं। इस कारण यातायात के लिए उबांगी अयोग्य है, केवल बाढ़ के दिनों में छोटी-छोटी नौकाएँ चल सकती हैं। जोंगो से ऊपर की ओर यूले, बोमू संगम तक नदी यातायात के योग्य है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ